PATNA: बिहार में भ्रष्टाचार से आम जनता त्रस्त है। भ्रष्ट अधिकारी रिश्वत के पैसे से अकूत संपत्ति अर्जित कर रहे। जांच एजेंसियां लगातार कार्रवाई भी कर रही हैं. इसके बाद भी सरकारी सेवकों का मनोबल नहीं टूट रहा। रिश्वतखोरी के विरुद्ध सरकार और सख्त हो गई है. भ्रष्ट अधिकारियों को न सिर्फ पकड़ा जायेगा बल्कि उन्हें सजा दिलाने को लेकर भी कार्रवाई तेज की गई है।
आज निगरानी विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने विभागों के मुख्य निगरानी पदाधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में निगरानी विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने निगरानी संबंधी दर्ज प्राथमिकी के विरुद्ध लंबित अभियोजन स्वीकृति की विभागवार समीक्षा की. साथ ही विभागों से कहा है कि अभियोजन स्वीकृति के संबंध में अपने निर्णय से जांच एजेंसियों को अवगत कराएं. इसके साथ ही घूस लेते रंगे हाथ पकड़े जाने, आय से अधिक संपत्ति केस मामले में लंबित विभागीय कार्यवाही को तेजी से पूरा करायें. अगर संचालन पदाधिकारी के समक्ष कागजात एवं गवाहों को प्रस्तुत किया जाना है उसमें तेजी दिखाएं।इस संबंध में अपर मुख्य सचिव ने निगरानी अन्वेषण ब्यूरो एवं विशेष निगरानी इकाई को निर्देश दिया है.
इसके साथ ही निगरानी विभाग के स्तर से संबंधित विभागों को जांच के लिए भेजे गए परिवाद पत्रों पर हुई जांच की अद्यतन रिपोर्ट भी देने को कहा गया है। जिन विभागों द्वारा अपडेट नहीं दिया गया है उनसे कहा गया है कि लंबित मामलों की समीक्षा अपने स्तर से करें एवं जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं. आज की मीटिंग में बड़े-बड़े संस्थानों, निगम-पर्षद में नियुक्त मुख्य निगरानी पदाधिकारियों के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई. साथ ही प्रशासनिक विभागों से कहा गया कि जिन विभागों एवं बड़े संस्थानों में मुख्य निगरानी पदाधिकारी नामित नहीं है, वहां नामित कर विभाग को सूचित करें। बैठक में निगरानी एडीजी सुनील कुमार झा, एसवीयू के एडीजी नैय्यर हसनैन खां, एडीजी मुख्यालय जे.एस गंगवार समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे.