KATIHAR : फेक मैरिज के नाम पर है सक्रिय है मानव तस्कर गिरोह, इन गिरोह के सॉफ्ट टारगेट है कोसी और सीमांचल का इलाका, इसकी एक बड़ी वजह यहां की गरीबी और अशिक्षा को लेकर मजबूरी है,कटिहार से फिर एक बार एक ऐसा मामला सामने आया है जहां पब्लिक के पहल से मंडप के बहाने मंडी में ले जाने से पहले ही बिकने से बच गई 'मोनी'(काल्पनिक नाम)... क्या है पूरी कहानी और बदलते बिहार में इस अपराध पर अंकुश लगाने के लिए कितना गंभीर है सरकार पर देखिए
कभी महानगरों में अच्छे काम दिलाने के नाम पर तो कभी लड़कियों को अच्छे शादी के नाम पर बिहार के खुशी और सीमांचल इलाके में मानव तस्करी हीरो के नेटवर्क काजल बेहद पुराना है समय के साथ साथ तरीके में बदलाव जरूर आया है मगर गिरोह की सक्रियता अब भी बरकरार है हालांकि अब लोगों की जागरूकता से यह कुछ हद तक कम जरूर हुआ है अब तक ऐसी कहानी इन इलाकों के अलग-अलग जिलों से सामने आ ही जाता है कटिहार में फेक मैरिज के नाम पर एक बार फिर स्थानीय लोगों द्वारा एक लड़की को मानव तस्करों के चुंगल मुक्त कराया गया है।
जबरन डाल दिया मांग में सिंदर
मुक्त कराई गई लड़की मधेपुरा से है उनके माने तो उसकी पहली पति के देहांत के बाद उसे दूसरी शादी के लिए लड़का देखने के लिए बुलाया गया था। लड़का और उसके परिजन उत्तर प्रदेश से कटिहार आए हुए थे। जब लड़की को लड़का पसंद नहीं आया तो जबरन मानव तस्करों के स्थानीय महिला एजेंट के दबाव में जबरन महिला के मांग पर सिंदूर डलवा दिया गया है और उसे ले जाने की कोशिश में लगी। इस दौरान महिला के द्वारा शोर मचाने पर सहायक थाना क्षेत्र के बस स्टैंड के पास जागरूक लोगों ने उसे पकड़ लिया शादी के लिए आए दूल्हा तो भागने में सफल रहा। लेकिन लोगों ने दूल्हा के साथ आए हुए उसके चाचा और महिला दलाल को भी पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया है।
महिला उसके साथ जबरन शादी के कोशिश को बयां कर रही है उन्होंने कहा जब पैसे के लेनदेन हो रहा था उसी पर उसको शक हो गया इसलिए उस शोर मचा कर भागने की कोशिश करने लगे उदाहरण पब्लिक के द्वारा पुलिस के हत्थे चढ़ा दूल्हे के चाचा कहते हैं उन्हें कुछ मालूम नहीं वह तो अपने भतीजे का शादी करवाने आए थे।
कमजोर कानून का उठाते हैं लाभ
मानव तस्करी के मामले पर वर्षों से काम करने वाले सामाजिक संस्था के प्रतिनिधि राजेश सिंह कहते हैं इस मामले में लोगों की सजगता से यह लड़की तो बिकने से बच गई मगर अक्सर ऐसे मामले में पब्लिक के पहल के बावजूद पुलिस की प्रॉपर ट्रेनिंग नहीं होने के कारण कागजी प्रक्रिया के खामियोंओ के कारण ऐसे तस्कर आसानी से रिहा हो जाते हैं, इसलिए कम से कम इन इलाकों में ऐसे अपराधी बेहिचक फिर से अपराध दोहराते रहते हैं>
डिप्टी सीएम ने माना गंभीर मामला
वही बिहार सरकार के डिप्टी सीएम इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हर जिला में पुलिस के साथ-साथ जिलाधिकारी को भी ऐसे मामले पर विशेष ध्यान रखने की निर्देश दिया गया है,ऐसे मामले को लेकर सरकार भी सजग है इसलिए हाल के दिनों में ऐसी घटनाओं में कमी आई है,आगे इसे लेकर और गंभीरता बरती जाएगी।
दरअसल बदलते बिहार में कोशी और सीमांचल इलाके के लिए मानव तस्करी एक बड़ा अभिशाप है, इसके पीछे कारण चाहे जो भी हो मगर सरकार की योजनाओं के द्वारा ऐसे हालात को दूर करते हुए हर किसी को यह संकल्प लेना चाहिए कि किसी भी तरह के लोभ लालच में अपने आप का या अपने जिगर के टुकड़ों का सौदा नहीं करना चाहिए।
REPORTED BY SHAYAM