पटनाः बिहार के शिक्षा विभाग में घोटालेबाज अफसरों की भरमार है. जिला शिक्षा कार्यालयों में पदस्थापित शिक्षा विभाग के अधिकारी लूट मचा रहे हैं और शिक्षकों का शोषण कर रहे हैं.अधिकांश शिक्षक चाहकर भी भ्रष्ट अफसरों का विरोध नहीं कर पाते. हालांकि कई जगह शिक्षकों ने मजबूती का भी परिचय दिया है और अधिकारियों के खिलाफ शिकायत ऊपर तक पहुंचा दी है.
औरंगाबाद में शिक्षा विभाग के एक अधिकारी कि भ्रष्टाचार की पोल वहां के शिक्षकों नहीं खोल दी . औरंगाबाद के तत्कालीन जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मिथिलेश कुमार जो वर्तमान में बिहार मुक्त विद्यालय शिक्षण एवं प्रशिक्षण बोर्ड पटना में पदस्थापित हैं उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं. मिथिलेश कुमार पर आरोप है कि पैसा नहीं देने पर शिक्षकों को प्रताड़ित किया जाता है और उन्हें निलंबन से लेकर बर्खास्तगी तक की कार्रवाई की जाती है.एक शिक्षक रजनीश कुमार और उदेश्वर सिंह ने इसकी शिकायत शिक्षा विभाग के अधिकारियों से की. शिकायत के बाद भ्रष्ट अधिकारी ने शिक्षक को काफी प्रताड़ित किया लेकिन उसने हार नहीं मानी। इसके बाद अब जांच की जांच की कार्यवाही शुरू हुई है.इसी बीच पिछले महीने ही आरोपी अफसर को औरंगाबाद से हटा दिया गया है.
शिक्षा विभाग ने उप सचिव अरशद फिरोज की अध्यक्षता में जांच दल का गठन किया गया है.जांच दल में सुरेंद्र कुमार सिन्हा क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक पटना प्रमंडल तथा प्रभात कुमार पंकज उप निदेशक प्राथमिक शिक्षा को मेंबर बनाया गया. शिकायतकर्ता शिक्षकों ने जांच टीम के सामने आरोपी अधिकारी मिथिलेश कुमार के भ्रष्टाचार की पूरी पोल खोल दी है.शिकायतकर्ता ने सबूत भी पेश किया है. शिक्षा विभाग के इस आदेश से औरंगाबाद में भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मियों के बीच हड़कंप है.