BHAGALPUR : बिहार राज्य के भागलपुर जिला में एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। यह वीडियो भागलपुर जिला के जिलापरिवहन कार्यालय के बड़ा बाबू शंभू मंडल का बताया जा रहा है। इस वीडियो में बड़ा बाबू के द्वारा किसी कार्य करने के नाम पर मोटी रकम की वसूली की जा रही है। वहीं मोटी रकम लेने के बाद एक सप्ताह में सारा कार्य करके देने की बात बताई जा रही है और शेष राशि काम होने के बात लेने की बात वायरल वीडियो में बोली जा रही है।
बता दें कि भागलपुर डीटीओ कार्यालय के बड़ा बाबू शंभू मंडल का कार्यालय डीटीओ कार्यालय के आमने सामने है। यहां भी बता दें कि जिला परिवहन कार्यालय में कार्यालय के बाहर बरामदा पर तोह सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है। लेकिन बड़ा बाबू के कार्यालय के अंदर में एक भी कैमरा नही लगा हुआ है। सवाल यह उठता है कि कैमरा सिर्फ जनता के लिए लगाया गया है या फिर भ्रष्टाचार को रोकने के लिए भी लगाया जाना चाहिए। लेकिन भागलपुर जिला के जिला परिवहन कार्यालय में सिर्फ जनता के लिए ही सीसीटीवी लगना चाहिए या फिर भ्रष्टाचार को रोकने के लिए भी बड़ा बाबू कार्यालय में लगाना चाहिए। बिन नजराना दिए कोई कार्य नहीं होता है।
4000 दो, एक सप्ताह में हो जाएगा काम
वहीं जिला परिवहन विभाग के बड़ा बाबू शंभू मंडल का एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें कार्य करने के नाम पर कुल 4000 रुपए नजराना के तौर पर लिया गया। वही वीडियो में स्पष्ट बोला जा रहा है कि एक सप्ताह के अंदर काम हो जाने की बात कही जा रही है। और बाकी रुपए काम होने के बाद देने को कह रहा था।
वही हम आपको बता दें कि कुछ दिन पूर्व ही पटना जिला परिवहन कार्यालय में दलालों द्वारा कार्य कराने की बात प्रकाश में आया था। वहीं भागलपुर जिला परिवहन कार्यालय में लाइसेंस बनाने ,फिटनेस और लाइसेंस रेनवेल कराने के नाम पर मोटी रकम वसूली जाती है। वही जो वक्ती पैसा देने से असहमत होते है।उनको जिला परिवहन कार्यालय का चक्कर काटना मजबूरी हो जाती है और चक्कर काटते काटते पैर का चप्पल घीस जाता है। लेकिन लोगों का कार्य नही होता है। वहीं हार थक कर जनता अपना कार्य दलालों के हाथ में सुपुर्द करके अपना कार्य कराने को मजबूर हो जाते है।
वही हम आपको बतादे की कुछ साल पूर्व पूर्व के जिलाधिकारी प्रणव कुमार के द्वारा डीटीओ कार्यालय में दलालों को जेल भी भेजा गया था। साथ ही साथ कार्यालय में शराब पीने के मामले में भी कई कर्मियों को जेल भी भेजी चुकी है।
सवाल यह उठता है कि जनता का कार्य इसी तरह पैसे देकर ही कार्यालय में कार्य कराना परेगा। सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति यही है। इस वायरल वीडियो की पुष्टि न्यूज 4 नेशन नही करती है।