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बदली किस्मत - जिस नगर निगम के लिए सड़कों पर झाड़ू लगाने का करती थी काम, आज वहीं जनता ने डिप्टी मेयर बनाकर भेज दिया, बच्चे भी करते हैं सफाई का काम

बदली किस्मत - जिस नगर निगम के लिए सड़कों पर झाड़ू लगाने का करती थी काम, आज वहीं जनता ने डिप्टी मेयर बनाकर भेज दिया, बच्चे भी करते हैं सफाई का काम

GAYA : नगर निकाय चुनाव में कई दिग्गजों को मुंह की खानी पड़ी है और कई ऐसे चेहरे चुन कर आए हैं, जिनके काम के बारे में जानकर यकीन करना मुश्किल है। कुछ ऐसा ही मामला गया शहर में देखने को मिला है।  यहां सारे दिग्गजों को पीछे छोड़ एक सड़क पर झाड़ू लगानेवाली 60 साल की महिला  चिंतादेवी को जनता ने शहर का नया डिप्टी मेयर चुना है। बीते शुक्रवार को  डिप्टी मेयर के चुनाव  चिंता देवी को कुल 50417 वोट प्राप्त हुए जबकि दूसरे नंबर के उम्मीदवार को 34754 वोट मिला. इस तरह चिंता देवी ने करीब 16000 वोट से जीत दर्ज की.  चिंता देवी 40 साल से सफाईकर्मी का काम करती थी। दो साल पहले रिटायर हुई थी।

शुक्रवार की रात आए इस परिणाम ने यह भी बता दिया कि लोकतंत्र में अवसर सबके लिए है, शर्त बस इतनी कि वह जनता का विश्वास जीत ले और चिंता देवी ने यही किया। इसके साथ ही यह भ्रम भी तोड़ दिया कि चुनाव मैदान में जाने से पहले अपनी आर्थिक स्थिति का भी आकलन करना होता है। वे अनपढ़ हैं, पर जनता ने यह समझ लिया कि स्वच्छता और अपने दायित्व निर्वहन की पढ़ाई उन्होंने बहुत अच्छे से की है। चिंता देवी के सेवा भाव ने जनता को इतना प्रभावित किया कि अब उन्हें उसी शहर की डिप्टी मेयर की कुर्सी पर बिठा दिया।

तीनों पुत्र भी नगर निगम में ही दैनिक मजदूरी पर सफाईकर्मी के रूप में हैं कार्यरत

दो साल पहले तक गया निगम में मामूली सफाईकर्मी थीं। पति का स्वर्गवास हो चुका है। गली-मोहल्लों में झाड़ू लगाना, शहर को स्वच्छ रखना उनका कार्य था। उन्होंने पूरी ईमानदारी से अपने दायित्व का निर्वहन किया। बस इतनी भर कमाई थी कि दो वक्त की रोटी मिल सके। वर्ष 2020 तक वे झाड़ू लगाती रहीं। सेवानिवृत्त होने के बाद भी उनकी यह आदत छूटी नहीं। दो वर्षों तक लगातार सेवा करती रहीं। आजीविका के लिए नींबू बेचना भी शुरू किया। उनके तीन पुत्र भी नगर निगम में ही दैनिक मजदूरी पर सफाईकर्मी के रूप में कार्यरत हैं। 

नगर निकाय चुनाव की घोषणा हुई तो शहर के लोगों ने उन्हें भी मैदान में उतरने को कहा। उनके लिए यह स्वप्न स²श्य था, पर सबके स्नेह और साथ को देखते हुए नामांकन कर दिया। 11 प्रत्याशियों के बीच किसी एक को डिप्टी मेयर चुना जाना था।

लोग इतना मान देंगे, नहीं सोचा था: चिंता देवी

चिंता देवी ने भी इस पद के लिए नामांकन किया था, इसमें उनको सबसे अधिक वोट मिले, इस आधार पर उनको डिप्टी मेयर चुना गया। वे कहती हैं कि यह कभी नहीं सोचा था कि यहां तक की यात्रा भी कभी तय करूंगी। बोलते-बोलते उनका गला भर्रा जाता है। वे कहती हैं कि लोग इतना मान देंगे, नहीं सोचा था। अपना काम करते रहें तो जनता भी सम्मान देती है। जिस कार्यालय में झाड़ृ लगाने वाली के रूप में कार्यरत थीं, अब वहीं से बैठकर पूरे शहर की स्वच्छता के लिए योजनाएं बनाएंगी और अधिकारियों को निर्देश देंगी। 

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