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सवालों के घेरे में बाड़मेर के पत्रकार दुर्गेश की गिरफ्तारी, आईजी करेंगे मामले की जांच

सवालों के घेरे में बाड़मेर के पत्रकार दुर्गेश की गिरफ्तारी, आईजी करेंगे मामले की जांच

PATNA : बाड़मेर (राजस्थान) के पत्रकार दुर्गेश सिंह उर्फ दुर्ग सिंह की गिरफ्तारी मामला अब तूल पकड़ने लगा है। पटना की एससी-एसटी अदालत में दुर्गेश खिलाफ मुकदमा दर्ज करने वाला राकेश पासवान नामक फरियादी अपने गांव से लापता है। इसके साथ ही यह मामला अब सवालों के घेरे में आ गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए डीजीपी केएस द्विवेदी ने इसके जांच के आदेश दिए है। जांच का जिम्मा पटना जोन के आईजी नैयर हसनैन खान सौंपा गया है। 

तीन दिनों में मांगी रिपोर्ट

डीजीपी जांच के आदेश देते हुए तीन दिनों में जांच रिपोर्ट मांगी है। दरअसल पत्रकार की गिरफ्तारी का मामला सवालों के घेरे में है। एक तरफ कोर्ट में केस करने वाले फरियादी राकेश पासवान का कहना है कि उसने न कोई केस किया है और न ही बाड़मेर के किसी व्यक्ति को जानता है। दूसरी ओर आरोपी पत्रकार ने कहा कि वे कभी पटना नहीं आए तो किसी के साथ मारपीट कैसे कर सकते हैं। वहीं मामले के तूल पकड़ने के बाद से राकेश पासवान गायब है। इस बीच पटना की एक अदालत शुक्रवार को दुर्ग सिंह की जमानत याचिका पर सुनवाई करने वाली है।

क्या है पूरा मामला  

दरअसल 31 मई को राजस्थान के बाड़मेर कोर्ट में दुर्गेश के खिलाफ पटना के राकेश पासवान द्वारा परिवाद 261/18 दायर किया था। इसमें आरोप लगाया कि दुर्गेश उसे 6 माह पहले मजदूरी कराने बाड़मेर ले गया। पत्थर खनन करवाया पर पैसे नहीं दिए। अप्रैल के पहले हफ्ते में पिता की तबीयत खराब हुई तो घर लौट आया। 15 अप्रैल को दुर्गेश पटना आया और बाड़मेर जाने को कहा। मनाही पर धमकाने लगा। 7 मई को फिर चार लोगों के साथ दीघा पहुंचा। सड़क पर जूता से पीटने लगा और गाली बकने लगा। इसी बीच संजय और के अलावा 8-10 लोग आ गए। दुर्गेश और अन्य बोलेरो से भाग गए। 2 जून को कोर्ट में राकेश का बयान हुआ। इसी बात पर कोर्ट ने 9 जुलाई को दुर्गेश की गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया और पटना पुलिस को सौंप दिया।

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