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बाहुबली आनंद मोहन को सुप्रीम कोर्ट से लगा बड़ा झटका, पासपोर्ट सरेंडर करने का आदेश, केंद्र से मांगा जवाब

बाहुबली आनंद मोहन को सुप्रीम कोर्ट से लगा बड़ा झटका, पासपोर्ट सरेंडर करने का आदेश, केंद्र से मांगा जवाब

पटना/दिल्ली. बाहुबली आनंद मोहन को मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. डीएम जी कृष्णैया हत्याकांड मामले में आजीवन कारावास की सजा के बाद बिहार की नीतीश सरकार के कानून में एक संशोधन से आनंद मोहन पिछले वर्ष जेल से बाहर आ गए. उनकी रिहाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई. इसी मामले में अब शीर्ष अदालत ने आनंद मोहन को तुरंत अपना पासपोर्ट सरेंडर करने कहा है. साथ ही  रिहाई के खिलाफ लगाई गई याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. कोर्ट ने जवाब देने के लिए केंद्र को सात दिन का समय दिया है. आजीवन कारावास की सजा काट रहे आनंद मोहन को पिछले साल अप्रैल महीने में जेल से रिहा किया गया था.

आनंद मोहन को निर्देश दिया कि वो हर 15 दिन में स्थानीय थाना को रिपोर्ट करें. आनंद मोहन की मौजूदा स्थिति पूछे जाने पर याचिकाकर्ता के वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कोर्ट को बताया कि फिलहाल वो जेल से बाहर हैं. इस मामले में आनंद मोहन ने जवाबी हलफनामा दायर किया है. हलफनामा के मुताबिक जेल से आनंद मोहन की रिहाई का फैसला पूरी वैधानिक प्रक्रिया का पालन करते हुए लिया गया है. आनंद मोहन ने कहा है कि जेल से रिहाई की छूट का हकदार होने के लिए वो न्यूनतम सजा जेल में गुजार चुका है. सरकार ने उसे फायदा पहुंचाया, ये कहना गलत है.

27 फरवरी को आखिरी तारीख : सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि वह इस मामले में आखिरी फैसला सुनायेगी. इसके लिए 27 फरवरी को सुनवाई की आखिरी तारीख रखी गयी है. कोर्ट ने कहा कि इतने महत्वपूर्ण मामले को और आगे टाला नहीं जा सकता. लिहाजा अगली तारीख पर फैसला सुना दिया जायेगा.

कानून में हुआ था बदलाव : पिछले वर्ष अप्रैल 2023 में नीतीश सरकार ने एक कानून में संशोधन किया था. इसके बाद ही पूर्व सांसद बाहुबली आनंद मोहन की रिहाई हुई थी. हालांकि एक लोक सेवक की हत्या के दोषी करार दिए गए आनंद मोहन की रिहाई को डीएम जी कृष्णैया के परिजनों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. 

नीतीश सरकार के निर्णय का विरोध : उमा कृष्णैया ने अपनी अर्जी में आरोप लगाया है कि बिहार सरकार ने 10 अप्रैल 2023 के संशोधन के जरिए पूर्वव्यापी प्रभाव से बिहार जेल नियमावली 2012 में संशोधन किया है. ये पूर्वव्यापी उचित और विधि सम्मत नहीं है. आनंद मोहन की रिहाई के बाद से आईएएस अधिकारी जी कृष्णैया का परिवार लगातार नीतीश सरकार के फैसले का विरोध किया है.

1994 में हुई थी DM की हत्या : बिहार के गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की 1994 में मुजफ्फरपुर के खोबरा में हत्या कर दी गई थी. हत्या का आरोप बिहार के बाहुबली नेता आनंद मोहन पर लगा था. मामला कोर्ट पहुंचा जहां अदालत ने आनंद मोहन को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई थी. हालांकि बाद में उनकी सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया गया. 14 वर्ष की सजा पूरी होने के बाद आनंद मोहन को कानून में हुए बदलाव के बाद अप्रैल 2023 में जेल से रिहा कर दिया. 

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