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बाल हृदय योजना के तहत 55 बच्चों को भेजा गया अहमदाबाद, 21 का हुआ सफल ऑपरेशन

बाल हृदय योजना के तहत 55 बच्चों को भेजा गया अहमदाबाद, 21 का हुआ सफल ऑपरेशन

PATNA : स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा की जन्मजात दिल में छेद जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे मासूमों की आंखों में अब जीवन की नई रौशनी लौट आई है। सरकार और स्वास्थ्य विभाग के एक महत्वपूर्ण कदम से सूबे में दर्जनों माता-पिता और मासूमों की झोली खुशी से भर उठी है। पांडेय ने बताया कि बाल हृदय योजना के तहत राज्य भर से अभी तक तीन फेज में अहमदाबाद के श्री सत्य साईं हृदय अस्पताल में ऑपरेशन के लिए 55 बच्चों को भेजा जा चुका है। प्रथम बैच में 21, दूसरे बैच में 16 और तीसरे बैच में 18 बच्चों को दिल के ऑपरेशन के लिए अहमदाबाद भेजा गया। इसमें प्रथम बैच के 21 बच्चों का सफल ऑपरेशन किया गया। फिलहाल राज्य भर से दिल के छेद वाले एक हजार बच्चों का इलाज करवाया जाना है। इसमें 350 बच्चों की सूची स्वास्थ्य विभाग के पास उपलब्ध भी हो चुकी है। छह साल से कम उम्र के बच्चों के माता-पिता को हवाई मार्ग से निःशुल्क अहमदाबाद के श्री सत्य साईं अस्पताल भेजा जा रहा है। जबकि छह से 18 साल के उम्र वाले बच्चों के माता-पिता में किसी एक या रिश्तेदार के जाने, रुकने आदि की सारी व्यवस्था सरकार कर रही है। 

पांडेय ने बताया कि आईजीआईएमएस, आईजीआईसी एवं एम्स में भी बाल हृदय रोग का इलाज शुरू हो चुका है। आने वाले समय में आईजीआईएमएस और आईजीआईसी में दिल में छेद वाले बच्चों का ऑपरेशन भी किया जायेगा। इसके लिए आवश्यक उपकरण और चिकित्सकीय टीम की सुविधा लागू करने की दिशा में विभाग तेजी के साथ काम कर रहा है। सरकार की यह पहल काफी महत्वपूर्ण और सकारात्मक है। अब से कुछ वर्ष पूर्व तक बाल हृदय रोग का निजी और सरकारी स्तर पर बिहार भर में कहीं भी इलाज संभव नहीं था। इसके लिए ऐसी बीमारी से पीड़ित बच्चों के परिजनों को दूसरे राज्यों में इलाज के लिए जाना पड़ता था। इससे बिहार की गरीब जनता को काफी ज्यादा आर्थिक बोझ उठाना पड़ता था। या फिर पैसे के अभाव में बच्चों को उसी के हाल पर छोड़ दिया जाता था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने इस पर पहल करते हुए प्रति वर्ष एक हजार बच्चों का निःशुल्क इलाज कराने का निर्णय लिया। 

पांडेय ने बताया कि सांस लेने में तकलीफ, गले की घड़घड़ाहट, शरीर में ऑक्सीजन की कमी आदि समस्या के शिकार बच्चों की स्क्रीनिंग राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत की जा रही है। ऐसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे चिह्नित बच्चों का इलाज दवा, डिवाइस क्लोजर ऑपरेशन निःशुल्क करवाया जा रहा है। इसके लिए प्रशांति चैरीटेबल ट्रस्ट के साथ समझौता हुआ है।

पटना से रंजन की रिपोर्ट

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