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BIG BREAKING: बिहार के 'मंत्रियों' पर पाबंदी जारी रहेगी,आगे भी भ्रमण की नहीं होगी इजाजत

BIG BREAKING: बिहार के 'मंत्रियों' पर पाबंदी जारी रहेगी,आगे भी भ्रमण की नहीं होगी इजाजत

PATNA: बिहार में एक बार फिर से लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में इस पर निर्णय लिया गया है।अब 8 जून तक बिहार में लॉकडाउन प्रभावी रहेगा। हालांकि इस बार इस अवधि में कई तरह की छूट दी गई है। सीएम नीतीश कुमार ने खुद ऐलान किया किया कि व्यापार के लिए अतिरिक्त रियायत दी गई है। लॉकडाउन में भले ही कई तरह की छूट सरकार ने दी हो लेकिन मंत्रियों के भ्रमण पर पाबंदी आगे भी जारी रहेगी। 

मंत्रियों के भ्रमण पर पाबंदी जारी

विश्वस्त आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मंत्रियों के अपने विस क्षेत्र,प्रभार वाला जिला या अन्य जिलों में भ्रमण पर लगी पाबंदी आगे भी जारी रहेगी। इस संबंध में बिहार सरकार ने 23 मई को ही पत्र जारी कर मंत्रियों के भ्रमण पर रोक लगा दी थी। यह रोक आगे भी जारी रहेगा।  

बिहार सरकार ने 23 मई को जारी किया था पत्र

बता दें कि 23 मई को कैबिनेट सचिवालय की ओर से मंत्रियों के आप्त सचिव को लिखे गए पत्र में ये कहा गया था कि कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए लॉकडाउ लागू है।  प्रतिबंधों की अवधि में मंत्रियों द्वारा अलग-अलग सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन और अन्य कामों के निमित्त अपने निर्वाचन क्षेत्रों या अपने प्रभार के जिलों में परिभ्रमण की सूचनाएं प्राप्त हो रही हैं. पूरा बिहार कोरोना वायरस जनित महामारी के संक्रमण की दूसरी लहर के प्रभाव में है. राज्य सरकार की ओर से महामारी के संक्रमण को नियंत्रित करने के उद्देश्य से लोगों और वाहनों के आवागमन पर कड़े प्रतिबंध लगाये गए हैं. लेकिन मंत्रियों द्वारा प्रतिबंधों की अवधि में जिलों का परिभ्रमण करने से आम जनता के नियमों का पालन करने को लेकर प्रतिकूल प्रभाव पड़ना संभावित है. मंत्रियों के आप्त सचिव को लिखे पत्र में कहा गया था कि वे मंत्री से अनुरोध करें कि प्रतिबंध की अवधि के दौरान किसी भी तरह की जानकारी प्राप्त करने के वे लिए अपने निर्वाचन क्षेत्र या अपने प्रभार के जिला या किसी अन्य जिलों का परिभ्रमण ना करें. किसी प्रकार की समीक्षा की आवश्यकता होने पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का सहारा लिया जा सकता है.

बीजेपी ने जताई थी आपत्ति

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस निर्णय पर बीजेपी ने आपत्ति जताई थी। पार्टी की बैठक में कई विधायकों ने इस निर्णय पर सवाल खड़े किये थे। बीजेपी विधायकों ने नेतृत्व से पूछा था कि क्या इस तरह का निर्णय दोनों डिप्टी सीएम की सहमति से ली गई है ? बीजेपी नेतृत्व ने भी इस तरह के निर्णय पर माननीयों की चिंता को वाजिब करार देते हुए केंद्रीय नेतृत्व को पूरी जानकारी देने की बात कही थी। साथ ही यह भी कहा था कि 1 जून तक की ही बात है। ऐसे में इस मुद्दे को आगे बढ़ाने की कोई जरूरत नहीं।   



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