कोलकाता : खबर बंगाल चुनाव को लेकर है जहां अब चीन की एंट्री हो गयी है जी हां पश्चिम बंगाल में 27 मार्च से विधानसभा चुनाव है और अब कोलकाता के पूर्वी हिस्से में चुनावी प्रचार चीन की भाषा में चल रहें है. सुनने में अजीब लगे, लेकिन ये सच है. पूर्वी कोलकाता के दो से तीन विधानसभा क्षेत्रों में चीनी मूल के लगभग 2000 वोटरों को रिझाने के लिए तृणमूल कांग्रेस (TMC) वॉल पेंटिंग के जरिए चीनी भाषा में इश्तेहार दे रही है. इसमें टीएमसी के पक्ष में चीनी मूल के भारतीय मतदाताओं से मतदान करने की अपील की जा रही है. यह इलाका चाइना टाउन (China Town) के नाम से जाना जाता है. यहां लगभग 2 हजार चीनी भारतीय वोटर (C हैं. टीएमसी समर्थकों का कहना है कि इस समुदाय के वोटरों को हिंदी और बंगाली भाषा कामचलाऊ आती है. इसलिए पार्टी उनकी मातृभाषा में चुनाव प्रचार कर रहे हैं, ताकि वे आसानी से समझ सके.
पूर्वी कोलकाता के इंटाली विधानसभा और कस्बा विधानसभा जैसी सीटों पर चीनी मूल के वोटर हैं. इसी इलाके में चीनी भाषा में प्रचार किया जारहा है. पार्टी के होर्डिंग्स चीनी भाषा में तैयार किए गए हैं. पाम्पलेट भी चीनी भाषा में छपवाए गए हैं. इंटाली से स्वर्ण कमल साहा मौजूदा विधायक हैं. टीएमसी समर्थकों के मुताबिक ये इश्तेहार उन्होंने लिखवाया है. इस बारे में इंटाली से बीजेपी की प्रत्याशी प्रियंका टिबड़ेवाल कहती हैं, 'मैं अलग भाषा जाति के नाम पर कभी वोट नहीं मांगूंगी. ये टीएमसी वाले यही बांटने का काम करते हैं.' इस इलाके में कई चीनी रेस्टोरेंट हैं, जहां पूरे कोलकाता से लोग चीनी डिशेज खाने आते हैं. हालांकि, इनकी संख्या दिन-ब-दिन कम होती जा रही है. एक चीनी रेस्टोरेंट में खाना पकाने वाली महिला कहती हैं, 'यहां काम नहीं है. इसलिए लोग बाहर चले गए.' रिपोर्ट के मुताबिक, चाइना टाउन में कभी 20,000 चीनी मूल के भारतीय नागरिक रहते थे, लेकिन अब इनकी आबादी लगभग 2,000 ही रह गई है.
1951 में इनकी संख्या लगभग 5700 थी, जो अब 2 हज़ार के करीब ही बची है. कोलकाता का यह चीनी भारतीय समुदाय पारंपरिक व्यवसाय टैनिंग के साथ-साथ चीनी रेस्टोरेंट में भी लंबे समय से काम कर रहा है. पहले वाले काले चीन ने ममता को धोखा दे दिया जब ममता से उसने पूरा फायदा ले लिया तो उसने वोट चमकती हुई पार्टी को दे दिया क्या आप को लगता है नया चीन ममता को सपोर्ट करेगा ?