कोलकत्ता। पश्चिम बंगाल का माहौल पूरी तरह से राजनीति के माहौल में रंगने लगा है। जिसमें भाजपा लगातार ममता बनर्जी पर लगातार राज्य मे डेमोक्रेसी को लेकर सवाल उठाती रही है। सोमवार को भी छात्र ईकाई एबीवीपी के 50 हजार कार्यकर्ता के धर्मतला में सड़क पर उतरे। इस दौरान लगभग संगठन के 50 हजार से अधिक छात्रों ने सड़क पर विरोध प्रदर्शन किया और मौजूदा राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
सड़क पर उतरे संगठन कार्यकर्ताओं ने बताया कि यह विरोध प्रदर्शन मौजूदा ममता सरकार की गलत नीतियों को लेकर निकाली गई है। उनका कहना था इस प्रदर्शन में राज्य में पांच प्रमुख समस्याओं को लेकर सवाल उठाया गया है। जिसमें सबसे ऊपर नारी सुरक्षा है। राज्य में एक महिला का शासन होने के बाद भी यहां महिलाएं सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं। इसी तरह ममता सरकार देश की डेमोक्रेसी को भी ताक पर रखकर शासन कर रही हैं।
नौकरी और बेहतर शिक्षा की मांग
एबीवीपी ने कहा कि ममता सरकार ने अपने पूरे कार्यकाल में सिर्फ एक धर्म विशेष की तुष्टिकरण में लगी हुई हैं। उनके कारण दशहरा के जुलूस पर रोक लगा दी गई। यहां तक ममता सरकार में प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है। रोजगार के सारे साधन खत्म होने की स्थिति में हैं. युवा रोजगार के लिए भटक रहे हैं। जिसके लिए पूरी तरह से ममता सरकार जिम्मेदार है।