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फर्जी तरीके से रुपए ट्रांसर्फर मामले में बैंक मैनेजर की नौकरी गई, प्राथमिकी दर्ज

फर्जी तरीके से रुपए ट्रांसर्फर मामले में बैंक मैनेजर की नौकरी गई, प्राथमिकी दर्ज

डेस्क... एनएचएआइ के खाते से कई निजी फर्म व अन्य के खातों में करीब 28 करोड़ रुपए ट्रांसफर करने के मामले में कोटक महिंद्रा बैंक की बोरिंग रोड ब्रांच के मैनेजर सुमित कुमार की संलिप्तता सामने आई है। बैंक की आतंरिक जांच में उसकी मिलीभगत पकड़ में आई। इसके बाद बैंक प्रशासन ने सुमित कुमार को नौकरी से निष्कासित कर दिया है। साथ ही बैंक ने सभी साक्ष्य व सबूत पुलिस को उपलब्ध करा दिए हैं। कोटक महिंद्रा ग्रुप के प्रधान संप्रेषण अधिकारी रोहित राव ने बताया कि दो जनवरी को बैंक की पटना शाखा से अनाधिकृत आरटीजीएस ट्रांजेक्शन को रोका गया। इसके साथ ही फर्जी आरटीजीएस पत्र लेकर हमारी शाखा में आये शुभम गुप्ता को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया गया था। 

उसके खिलाफ गांधी मैदान थाने में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है। इस मामले के सामने आने के बाद अपनी शाखा की आंतरिक जांच भी कराई गई है। इसमें बैंककर्मी सुमित कुमार भी इस धोखाधड़ी में शामिल पाए गए। सूत्रों का कहना है कि ये सारे रुपए पटना के विभिन्न बैंकों में निजी फर्म और अन्य लोगों के नाम पर खुले खातों में ट्रांसफर किए गए हैं। ये खाते आधा-अधूरे पते के आधार पर खोले गए हैं। पुलिस को उन सभी खातों का डिटेल मिल चुका है।

लेकिन, जिन लोगों के नामों से खाते खोले गए हैं, वे फिलहाल ट्रेसलेस हैं। इसके कारण अब यह पूरी तरह स्पष्ट हो चुका है कि पूरी योजना के तहत एनएचएआइ के सरकारी खाते से 28 करोड़ रुपए उन खातों में ट्रांसफर किए गए और फिर निकासी कर ली गई।

इधर, एनएचएआइ के करोड़ों रुपये किन-किन खातों में ट्रांसफर किए गए। इस संबंध में बैंक व पुलिस जानकारी देने को तैयार नहीं है। जालसाजों ने जिला भू-अर्जन पदाधिकारी पंकज पटेल के फर्जी हस्ताक्षर के माध्यम से एनएचएआइ के सरकारी खाते से 11.73 करोड़ रुपए ट्रांसफर करने की कोशिश की थी।

इन सारे रुपए को आइसीआइसीआइ बैंक में बीएस इंटरप्राइजेज के नाम खुले खाते में ट्रांसफर करने की योजना थी। इसका पता भी आधा-अधूरा था। मौके पर जालसाज को गिरफ्तार कर लिया गया। इस खाते से जुड़े दो लोगों से पुलिस फिलहाल पूछताछ कर रही है।

करोड़ों के गोलमाल करने के मामले में कोटक महिंद्रा बैंक के कई कर्मियों की संलिप्तता सामने आ सकती है। बैंक के ही एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि बैंक की ओर से जांच चल रही है। इसमें कई कर्मियों की संलिप्तता है, क्योंकि अकेले एक कर्मी से यह कार्य संभव नहीं है। जांच के बाद सारी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।



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