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बैंककर्मी ही बन गए लुटेरे : पंजाब नेशनल बैंक के कैशियर ने ग्राहकों को लगाया चूना, खाते से उड़ाए तीन करोड़ से भी ज्यादा रकम

बैंककर्मी ही बन गए लुटेरे : पंजाब नेशनल बैंक के कैशियर ने ग्राहकों को लगाया चूना, खाते से उड़ाए तीन करोड़ से भी ज्यादा रकम

PATNA/MUZAFFARPUR : अगर बैंक में पैसा जमा करने के बाद यह समझते हैं कि जमापूंजी सुरक्षित है तो गलत समझ रहे हैं। क्योंकि अब जिन बैंककर्मियों के भरोसे पैसा जमा कर रहे हैं, अब वही आपके पैसे चुराने लगे हैं। बिहार में पिछले कुछ दिनों में दो ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां ग्राहकों के खाते से पैसे चुरानेवाला कोई बाहर का साइबर ठग नहीं, बल्कि बैंक का कर्मी ही था

लगभग दो माह पहले बक्सर में साउथ बिहार ग्रामीण बैंक के मैनेजर द्वारा अपने ग्राहकों के खाते में हेराफेरी कर एक करोड़ से ज्यादा की रकम अपने खाते में जमा करा लिया था। अब वैसा ही दूसरा मामला मुजफ्फरपुर में सामने आया है। यहां अब तक लुटेरों द्वारा बैंक में लूटपाट की घटना को अंजाम दिया जाता था,लेकिन अब बैंककर्मी खुद ही लुटेरे बन गए हैं। यहां साइबर फ्रॉड गिरोह के आधा दर्जन लोगों को मुजफ्फरपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यह गिरोह ग्राहकों के बैंक अकाउंट से लिंक मोबाइल नंबर का डुप्लीकेट सिम तैयार कर खाते से बड़ी सफाई से रुपए गायब कर देते थे। बड़ी बात यह है कि इस गैंग में बैंक के कर्मी भी शामिल हैं। जिन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है  उनमें पंजाब नेशनल बैंक के साइंस कालेज शाखा में कार्यरत कैशियर नीतेश को उसके माड़ीपुर स्थित आवास से गिरफ्तार किया गया है। वहीं बेला, भगवानपुर, समस्तीपुर से अन्य 5 को गिरफ्तार किया गया है।

इस साल तीन करोड़ की लगा चुके हैं चुना

पुलिस टीम को पता चला है कि अलग-अलग बैंक ग्राहकों के खाते से इस साल अब तक तीन करोड़ रुपए से अधिक की अवैध निकासी इस गिरोह ने की है। पंजाब नेशनल बैंक के कैशियर के साथ बीएसएनएल का फ्रेंचाइजी लिए शहबाजपुर निवासी प्रभात रंजन भी इस गिरोह का मास्टरमाइंड है। इसके अलावा समस्तीपुर, दिल्ली, पटना, कोलकाता तक इस गैंग का नेटवर्क है।

बीएसएनएल का फ्रेंचाइजी चलाने वाला गिरोह का मास्टरमाइंडकई शहरों में गैंग का नेटवर्क

पुलिस टीम के अनुसार, गिरफ्तार कैशियर ग्राहकों का उस नंबर का ब्योरा प्रभात रंजन को उपलब्ध कराता था। जो अपने रसूख का इस्तेमाल कर ग्राहकों के मोबाइल नंबर का डुप्लीकेट सिम निकालता था। इसके लिए फर्जी आधार कार्ड का फोटो कापी दस्तावेज में लगाया जाता था। सिम निकालकर उसे दूसरे कंपनी में पोर्ट करा लिया जाता था। इसके बाद उस सिम से मोबाइल बैंकिंग के जरिए ग्राहकों के खाते की सारी राशि निकाल ली जाती थी। नीतेश कुमार बैंक में कैशियर होने का फायदा उठाते और किसी भी ग्राहक का आसानी से मोबाइल व अन्य डिटेल पता कर लेता था।

इस तरह मामला आया सामने
 पंजाब नेशनल बैंक जवाहरलाल रोड शाखा के ग्राहक कांटी के साहपुर के रामदेव राम के खाते से 22 लाख की निकासी बीते 28 जून को इसी गिरोह ने की थी। रामदेव राम ने नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। इसके बाद जांच में मामले का खुलासा हुआ।

ग्राहकों के विश्वास का कर रहे हैं खून बैंक

लोगों अपने मेहनत से कमाई गए पैसे को बैंकों में इसलिए जमा करते हैं कि उनकी जमापूंजी यहां सुरक्षित है। इसमें बैंक के कर्मी की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। क्योंकि उनके ही भरोसे पर यह सारी व्यवस्था चलती है। लेकिन, बैंककर्मी ही लोगों के विश्वास को तोड़ने में जुटे हैं। पहले बक्सर और अब मुजफ्फरपुर की घटना यही इशारा कर रही है। 






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