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जिले में बापू के शिक्षित देश के सपने हो रहे तार-तार, प्रशासनिक व जनप्रतिनिधियों के उदासीनता दम तोड़ रहे बुनियादी विद्यालय

जिले में बापू के शिक्षित देश के सपने हो रहे तार-तार, प्रशासनिक व जनप्रतिनिधियों के उदासीनता दम तोड़ रहे बुनियादी विद्यालय

Motihari : गांधी जयंती पर कार्यक्रमो की धूम लगी रहती है। लेकिन गांधी जी आजादी के साथ ही जो शिक्षा के साथ हुनर प्राप्त कर आत्मनिर्भर समाज बनाने के सपने देखे थे वह प्रशासनिक व राजनीतिक उदासीनता के कारण दम तोड़ आ रहा है। पूर्वी चंपारण जिले में गांधी जी आजादी के साथ ही 12 बुनियादी विद्यालयों की स्थापना की थी। आज वे बुनियादी विद्यालय कही जर्जर भवन तो कही शिक्षक व उपस्कर की कमी का रोना रो रहा है।

आजादी के बाद गांधी जी ने देश के बच्चों को शिक्षा के साथ हुनर सीखकर आत्मनिर्भर बनने के लिए जिले में 12 बुनियादी स्कूल की स्थापना की थी। उन्होंने 13 नवम्बर 1917 को पहला बुनियादी विद्यालय ढाका प्रखंड के बड़हरवा लखनसेन में बनवाया था। जो आज शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है। वही 17 जनवरी 1918 में मधुबन में दूसरा  बुनियादी विद्यालय का स्थापना किया था। जो प्रशासनिक उदासीनता के कारण बंद हो गया। वही 1948 में तीसरा बुनियादी विद्यालय का स्थापना किया गया था, जो उपस्कर की कमी का रोना रो रहा है। कमोवेश ऐसी ही अन्य स्थिति अन्य बुनियादी विद्यालयों की है। कहीं भवन जर्जर स्थिति में है तो कही शिक्षकों की भारी कमी है। 


आज सरकार आत्म निर्भर बनने की बात कह रही है। लेकिन गांधी जी ने देश की आजादी के साथ ही शिक्षा के साथ आत्म निर्भर समाज बनाने के सपने को साकार करने के लिए पहल शुरू कर दिया था। लेकिन प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण गांधी जी के सपने साकार होते नही दिख रहे है। पूर्वी चंपारण में राजकीय बुनियादी विद्यालय माधोपुर गोबिंद कल्याणपुर,राजकीय बुनियादी विद्यालय कृतपुर मठिया हरसिद्धि,राजकीय बुनयादी विद्यालय भेलवा सर्किल घोड़ासहन,राजकीय बुनियादी विद्यालय सिसवनिया रामगढ़वा,राजकीय बुनियादी विद्यालय गोइठहा हरसिद्धि,राजकीय बुनियादी विद्यालय भवनरी आदापुर,राजकीय बुनियादी मधुबनी चिरैया,राजकीय बुनियादी विद्यालय पीपरा कोठी,संग्रामपुर,पहाड़पुर,मधुबन व लखनसेन में गांधी जी द्वारा बुनियादी विद्यालय की स्थापना की गई थी।कुछ विद्यालयों में कई नए भवन बन गएर, लेकिन कई विद्यालय बुनियादी विद्यालय के मुख्य उद्देश्य से भटक गया है।

मोतिहारी से हिमांशु की रिपोर्ट

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