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मंडी में बर्बाद हो गया एक करोड़ का केला, न कोई व्यापारी पहुंचा न ही खुदरा ग्राहक

मंडी में बर्बाद हो गया एक करोड़ का केला, न कोई व्यापारी पहुंचा न ही खुदरा ग्राहक

MUZAFFARPUR : केला किसानों के लिए किसान हितों को लेकर बुलाया गया भारत बंद नासूर बन गया. इस बंदी से सिर्फ मुजफ्फरपुर के केला मंडी में 1 करोड़ रुपए कीमत का केला बर्बादी के कगार पर है. मुजफ्फरपुर के कृषि उत्पादन बाजार समिति में बड़ी केला मंडी है. जहां जिले के अलावे पूरे उत्तर बिहार से किसान अपना केला लेकर बेचने के लिए पहुंचते हैं. लग्न और शादी विवाह को देखते हुए मुजफ्फरपुर केला मंडी में करीब एक करोड़ का केला लेकर किसान और कारोबारी पहुंचे हुए हैं. ये सभी केले पके हुए हैं और आज अगर इनकी बिक्री नहीं हुई तो ये केले बर्बाद हो जाएंगे. लेकिन भारत बंदी की वजह से मुजफ्फरपुर की केला मंडी में कोई ग्राहक नहीं पहुंच रहे हैं. इस वजह से केला किसान और विक्रेता काफी मायूस हैं. केला बेचने वाले ग्राहकों के इंतजार में बैठे हुए हैं लेकिन ग्राहक मंडी तक नहीं पहुंच पा रहे है. 

कारोबारी ने बताया कि जो केला पक चुका है. वह कल तक काला पड़ जाएगा और काले पड़े केले की उन्हें कीमत नहीं मिलेगी. ज्यादा पक जाने से केले खराब हो जाएंगे फिर उनका कोई खरीदार भी नहीं मिलेगा. नवगछिया से केला लेकर मुजफ्फरपुर आए विक्रेता पवन महतो ने बताया कि बाढ़ के कारण हुए फसल नुकसान की वजह से केले की खरीदारी भी महंगी हुई है. लेकिन ग्राहक नहीं आने के कारण पूरी पूंजी खतरे में है.

किसान प्रमोद महतो का कहना है कि राजनीतिक दल किसानों के नाम पर अपनी रोटी सेक रहे हैं, सबको पता है कि केला कच्चा सौदा होता है. एक दिन व्यापार और सड़क बंद हो जाने से केले से लदी हजारों गाड़ियां रास्ते में फंस जाएंगे. उन गाड़ियों में केला पकाने के लिए दवा डाला हुआ रहता है. ये ट्रक समय से अपने गंतव्य तक नहीं पहुंचे तो सारे केले ट्रकों में ही सड़ जाएंगे. लेकिन इसकी चिंता बंदी कराने वालों को बिल्कुल नहीं है.

यहां किसानों के हित के सवाल पर उन्हें बर्बाद करने की साजिश की जा रही है. मुजफ्फरपुर फल मंडी के यूनियन के सदस्य उमा शंकर राय ने इस बंदी को फल और सब्जी किसानों के लिए तबाही का सबब बताया है. उनका कहना है कि केला के साथ-साथ सेब और अमरूद का भी भारी नुकसान होगा. फल मंडी में बड़ी संख्या में पलदार और ठेला चालक भी काम करते हैं. लेकिन भारत बंद से उनके सामने भी रोजी रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है.

मोनू कुमार की रिपोर्ट 


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