छठ पूजा के लिए खास महत्व रखता है द्वापरकालीन बड़गांव और औंगरी धाम, भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी है कथा

छठ पूजा के लिए खास महत्व रखता है द्वापरकालीन बड़गांव और औंगरी धाम, भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी है कथा

NALANDA :  नहाय खाय के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ आज शुरू हो गया है। छठ के पहले दिन छठव्रती ने विभिन्न छठ घाटों में स्नान कर दाल कद्दू का प्रसाद बनाकर भगवान सूर्य को भोग लगाने के बाद स्वयं प्रसाद ग्रहण कर अपने परिवार और इष्ट मित्रों को प्रसाद खिलाया। 

इस मौके पर सबसे ज्यादा भीड़ बड़गांव और औगारी धाम में देखने को मिला। भगवान सूर्य के 12 आर्को में एक  बड़गांव में देश के विभिन्न क्षेत्र से लोग आकर यहां चार दिनों तक प्रवास कर भगवान सूर्य की उपासना करते हैं। ऐसी मान्यता है कि यहां चार दिनों तक प्रवास कर सूर्य तालाब में स्नान करने से कुष्ठ रोग से मुक्ति मिल जाती है। 

पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान श्री कृष्ण के पौत्र राजा शाम्य को कुष्ठ रोग हो गया था । कुष्ठ रोग से मुक्ति पाने के लिए उन्होंने बड़ागांव में भगवान सूर्य की उपासना किए थे । जिससे उन्हें कुष्ठ रोग से मुक्ति मिल गई थी । यही कारण है कि लोग दूर-दूर से यहां आकर भगवान सूर्य की उपासना करते हैं।

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