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हो जाइये सावधान... बिहार में शराब ढूंढने के लिए अब एक और नया तरीका अपना रही है नीतीश सरकार, अब शराब तस्करी नामुमकिन

हो जाइये सावधान... बिहार में शराब ढूंढने के लिए अब एक और नया तरीका अपना रही है नीतीश सरकार, अब शराब तस्करी नामुमकिन

पटना. बिहार में शराबबंदी को सफल बनाने के लिए राज्य सरकार पूरे जोर शोर लगी है. बावजूद इसके राज्य में शराब तस्करी बदस्तूर जारी है. बिहार पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार ही वर्ष 2022 के पहले पांच महीनों में राज्य में करीब 13 लाख लीटर शराब जब्त हुई है. ऐसे में शराब तस्करों के मंसूबों को असफल बनाने के लिए बिहार पुलिस और मद्य निषेध विभाग लगातार नए नए तरीके अपना रहा है. 

शराब तस्करी पर पूर्ण रोक लगाने के लिए अब राज्य के सीमाई क्षेत्रों से बिहार में प्रवेश करने वाले वाहनों की विशेष जांच करने की योजना है. इसके लिए आबकारी एवं मद्य निषेध विभाग ने हाथ में पकड़े जाने वाले वाहनों के स्कैनर खरीदने का फैसला किया है. इन मशीनों की खासियत होगी कि इनकी मदद से किसी भी वाहन के भीतर छिपाकर रखी गई शराब को बड़ी ही आसानी से पकड़ा जा सकेगा. न सिर्फ शराब बल्कि हाईटेक स्कैनिंग प्रक्रिया से जब वाहन गुजरेंगे तब पोर्टेबल ऑटोमेटेड स्कैनिंग सिस्टम शराब और अन्य प्रतिबंधित वस्तुओं जैसे विस्फोटक, हथियार और वाहनों में छिपे ड्रग्स का भी पता लगा लेगा. 

इन मशीनों का उपयोग गया में डोभी, नवादा में रजौली, पूर्णिया में दलखोला, भभुआ में कर्मनाशा और गोपालगंज में बेलथारी जैसे विभिन्न चेक पोस्ट पर किया जाएगा. यानी झारखंड, पश्चिम बंगाल उत्तर प्रदेश सहित नेपाल एवं अन्य पड़ोसी क्षेत्रों से होने वाली शराब तस्करी पर रोक लग जाएगी. 

राज्य में शराब तस्करी रोकने के लिए मद्य निषेध विभाग ने कई उपाय किए हैं. इसमें नदी और वन क्षेत्रों में ड्रोन का उपयोग, दियारा क्षेत्रों में स्पीड बोट, हेलीकॉप्टर और खोजी कुत्ते शामिल हैं. ऐसे में अब चेक पोस्टों पर एक और नया प्रयोग कर बिहार में शराबबंदी को सफल बनाने की मुहीम को और ज्यादा कारगर बनाया जाएगा. 


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