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मगध प्रमण्डल के किसानों के बीच 240 हेक्टेयर में सहजन लगाने के लिये किया गया बीज वितरण - डॉ. प्रेम कुमार

मगध प्रमण्डल के किसानों के बीच 240 हेक्टेयर में सहजन लगाने के लिये किया गया बीज वितरण - डॉ. प्रेम कुमार

GAYA : बिहार के कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार उप निदेशक, उद्यान, मगध प्रमण्डल, गया राकेश कुमार से उद्यान निदेशालय द्वारा क्रियान्वित सहजन क्षेत्र विस्तार योजना की प्रगति की जानकारी प्राप्त किया।

जानकारी लेने के बाद प्रेम कुमार ने कहा कि सहजन एक बहुवर्षीय सब्जी देने वाला पौधा है। इस पौधें के सभी भागों का उपयोग भोजन एवं औषधी के रुप में किया जाता है। सहजन में प्रचुर मात्रा में विटामिन एवं खनिज पोषक तत्व होते हैं। सहजन के फूल, फल एवं पत्तियों का व्यवहार भोजन के रुप में किया जाता है। जबकि इसके छाल, पत्ती, बीज, गोंद एवं जड़़ का प्रयोग आयुर्वेदिक दवा बनाने में किया जाता है। इतना ही नहीं सहजन की पत्तियों को मवेशियों के चारा के रुप में दिया जाता है। सरकार सहजन के पौधे से होने वाले लाभ को देखते हुये इसकी व्यवसायिक खेती को प्रोत्साहित कर रही है. इसके लिये सहजन की पत्तियों को ड्रायर में सुखाकर उसका पाउडर बनाकर अच्छी कीमत पर बेचने की व्यवस्था भी की गई है। 

आम तौर पर किसान स्थानीय प्रभेद के पौधों को लगाते हैं. परन्तु इस योजना अन्तर्गत सहजन के उन्नत प्रभेद पी॰के॰एम॰-1, पी॰के॰एम॰-2, कोयम्बटूर-01 एवं कोयम्बटूर-02 के बीज किसानों को लगाने के लिये दिये गये हैं। प्रमण्डल के सभी जिलों में योजना अन्तर्गत बीज का वितरण हो गया है। गया, नवादा और औरंगाबाद में 60-60 हेक्टेयर के लिये जबकि जहानाबाद एवं अरवल में 30-30 हेक्टेयर के बीज वितरित किये गये हैं. इस प्रकार प्रमण्डल में 240 हेक्टेयर में सहजन लगाने के लिये बीज वितरित किया गया है। योजना अन्तर्गत सहजन के एक हेक्टेयर खेती की लागत 74,000 रुपये निर्धारित की गई है राज्य सरकार इसका 50 प्रतिशत अर्थात 37000 रुपये प्रति हेक्टेयर अनुदान के रुप में दे रही है। अनुदान दो किस्तों में दिया जाता है पहले साल 75 प्रतिशत राशि अर्थात 27750 रुपये प्रति हेक्टेयर दिया जाता है, दूसरे वर्ष लगाये गये पौधों में से 90 प्रतिशत पौधे जीवित रहने पर 25 प्रतिशत बची हुई राशि 9250 रुपये प्रति हेक्टेयर दिया जाता है।

मंत्री ने कहा कि किसानों के द्वारा उत्पादित सहजन के फलों एवं पत्तियों को बेहतर मार्केट उपलब्ध हो. इसलिये योजना में पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेन्ट की व्यवस्था करते हुये अनुदान पर सोलर कोल्ड रुम, सोलर ड्रायर, प्राईमरी पैक हाउस को सम्मिलित किया गया है। इसके लिये किसानों को समूह में सहजन के कम से कम 30 हेक्टेयर के कलस्टर में खेती करनी होगी। यदि किसान कलस्टर बनाकर सहजन की खेती करते हैं और अपने उत्पाद की पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेन्ट करके वैल्यू एडीषन कर देते है तो उनके उत्पाद की कीमत निश्चित ही बढ़ जायेगी। सोलर कोल्ड रुम की ईकाई लागत 13 लाख रुपये इस पर सरकार से 90 प्रतिशत सहायता अर्थात 11 लाख 70 हजार रुपये दिया जा रहा है। इसी प्रकार सोलर ड्रायर की लागत 1 लाख 26 हजार रुपये है जिसपर 1 लाख 13 हजार 400 रुपये अनुदान मिलेगा एवं प्राईमरी पैक हाउस की लागत 13 लाख 26 हजार रुपये है एवं इस पर सरकार से 11 लाख 94 हजार रुपये का सहायतानुदान देय है।

गया से मनोज कुमार की रिपोर्ट 

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