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बड़हिया में ट्रेनों का ठहराव मिलने से पहले आंदोलनकारियों पर पुलिस ने थोप दिया भारी भरकम केस, 24 नामजद, 1000 लोगों पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार

बड़हिया में ट्रेनों का ठहराव मिलने से पहले आंदोलनकारियों पर पुलिस ने थोप दिया भारी भरकम केस, 24 नामजद, 1000 लोगों पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार

लखीसराय. बड़हिया रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों के ठहराव की मांग को लेकर हुए आंदोलन के बाद भले ही रेल प्रशासन ने रेलों के रुकने का आश्वासन दिया है. लेकिन, ट्रेनों के रुकने के पहले ही आन्दोलनकारियों पर पुलिस ने भारी भरकम केस ठोक दिया है. दिल्ली-हावड़ा मेन लाइन के पटना-मोकामा- किउल रेलखंड पर करीब 33 घंटे रेल परिचालन बाधित रखने के आरोप में पुलिस ने 24 लोगों को नामजद किया है जबकि 1000 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है. 

दरअसल बड़हिया में रेलवे ने कई ट्रेनों का ठहराव हटा दिया है. ट्रेनों के ठहराव की मांग को लेकर 22 मई को सुबह 10 बजे से 23 मई को शाम पौने छह बजे तक रेल लाइन जाम किया गया था. इसे लेकर रेल सुरक्षा बल किउल के निरीक्षक प्रभारी अरविन्द कुमार सिंह की ओर से राजकीय रेल पीपी बड़हिया के थानाध्यक्ष को प्रदर्शनकारियों के खिलाफ क़ानूनी कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है.

नामजद आरोपी बनाए गए प्रदर्शनकारियों में मनोरंजन सिंह, अंजनी सिंह, राहुल सिंह, राजेश कुमार, मनोज ठाकुर, संजीव कुमार, संजय कुमार, सुजीत कुमार, गौतम सिंह, राजीव कुमार, महेश्वरी सिंह, शिवदानी सिंह, छोटे सिंह, रामस्वार्थ सिंह, रंजन कुमार, राजेश कुमार, गंगा प्रसाद दास, जागेश्वर साव, प्रेम शंकर सिंह, सुधीर कुमार, चन्दन कुमार, अमन कुमार पांडेय, गोपाल सिंह, संजीव कुमार का नाम शामिल है. इसके आलावा 1000 अज्ञात समर्थकों के प्रदर्शन करने और रेल लाइन जाम करने तथा पाटलिपुत्र एक्सप्रेस को रोकने की बात कही गई है. 24 नामजद और 1000 अज्ञात पर के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है. 

गौरतलब है कि ट्रेनों के ठहराव की मांग को लेकर बड़हिया में आंदोलनकारियों को बड़ी जीत मिली है. रेल प्रशासन ने आंदोलनकारियों की मांगों को मानते हुए पाटलिपुत्र एक्सप्रेस का ठहराव 15 दिनों में सुनिश्चित करने और शेष ट्रेनों के लिए 2 महीने का समय लिया है. लखीसराय जिलाधिकारी संजय कुमार और पूर्व मध्य रेलवे के दानापुर मंडल के एडीआरएम के नेतृत्व में रेल प्रशासन की टीम ने आंदोलन में शामिल लोगों से बात की. उन्हें ठोस आश्वासन देने के बाद आंदोलन समाप्त करने का निर्णय लिया गया . आंदोलन के कारण दिल्ली-हावड़ा मेन लाइन के पटना-मोकामा-किउल रेलखंड पर करीब 33 घँटे रेल परिचालन बंद रहा था.  रेल प्रशासन ने लिखित रूप से 60 दिन में यहां सभी ट्रेनों के ठहराव का आश्वासन दिया है. लखीसराय जिला प्रशासन, दानापुर डिवीजन के ADRM और रेलवे संघर्ष समिति की बैठक में निर्णय लिया गया है.


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