KOLKATA : बंगाल में टीएमसी को प्रचंड बहुमत दिलाने के बाद लगातार तीसरी बार ममता बनर्जी आज मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभालेंगी। बुधवार को राजभवन में आयोजित सादे समारोह में वह तीसरी बार मुख्यमंत्री की शपथ लेंगी। इस दौरान कार्यक्रम में शामिल होनेवाले लोगों के नाम सामने आए हैं। इन नामों पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य, निवर्तमान सदन के नेता प्रतिपक्ष अब्दुल मन्नान और माकपा के वरिष्ठ नेता बिमान बोस शामिल हैं। साथ ही विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल बने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष और बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली को भी कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण दिया गया है। लेकिन अब सवाल यह है कि बंगाल में जिस तरह से भाजपा नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है, उसके बाद भाजपा का कोई प्रतिनिधि इस कार्यक्रम में शामिल होगा।
दरअसल, बंगाल चुनाव में जिस तरह से भाजपा और टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच टकराव होता रहा है। चुनाव परिणाम के बाद टीएमसी नेताओं ने जिस तरह भाजपा कार्यालयों में तोड़फोड़ की है, भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या, उनके साथ मारपी और आगजनी की घटना सामने आई है। उसके बाद दोनों पार्टियों के बीच तल्खी बढ़ी हुई है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा खुद कोलकत्ता में मौजूद हैं। वहीं गृह मंत्रालय की तरफ से भी बंगाल में हो रही हिंसा की घटनाओं को लेकर रिपोर्ट मांगी गई है।
ममता के लिए होगी परेशानी
बात अगर ममता के शपथ ग्रहण की करें तो वह खुद नंदीग्राम से चुनाव हार गई हैं. कभी उनके नजदीकी साथी रहे शुभेंदु अधिकारी ने उन्हे पटखनी दी है। ऐसे में ममता बनर्जी के सीएम बनने के बाद भी मुश्किलें कम नहीं होगी। उन्हें छह माह के अंदर विधानसभा की सदस्यता लेनी होगी। जिसके लिए सबसे बेहतर विकल्प यह माना जा रहा है कि किसी विधायक का इस्तीफा लिया जा सकता है और वहां उप चुनाव कराकर ममता को विधानसभा भेजने का रास्ता तैयार किया जाएगा। हालांकि बंगाल में अभी दो सीटों पर वोटिंग नहीं हुई है, लेकिन यहां नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।