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BerokZindagi YATRA का आज से होगा शुभारंभ, अस्थमा और सांस रोगियों को किया जायेगा जागरुक

BerokZindagi YATRA का आज से होगा शुभारंभ, अस्थमा और सांस रोगियों को किया जायेगा जागरुक

Patna : अस्थमा और सांस रोगियों को जागरुक करने के लिए आज से सार्वजनिक सेवा संस्थान ब्रीथफ्रीए सिप्ला की ओर से जागरुकता अभियान का शुभारंभ होने जा रहा है। इस जागरुकता अभियान का berokzindagi yatra नाम दिया गया है। 

राजधानी पटना से शुरु हुआ यह अभियान प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से होता हुआ झाऱखंड़ में प्रवेश करेगा। इस अभियान का मकसद सिर्फ और सिर्फ समाज में सांस के रोगिंयों को जागरूक करना है वो किस प्रकार एक स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकते हैं।

गौरतलब है कि यह बीमारी दिन प्रति दिन भारतदेश में बढती जा रही है जो की चीन के बाद विश्व में दूसरे नंबर पे आती है। इस बीमारी का मुख्य कारण एलर्जी विभिन्न कारणों से हो सकता है साथ ही साथ आधुनिक जीवन शैली एवं प्रदुषण भी मत्वपूर्ण कारकों में से हैं जो इस बीमारी को देश में भयानक रूप प्रदान कर रहे हैं। 


देश के प्रतिष्ठित डॉक्टर व पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. सीपी ठाकुरके अनुसार श्अस्थमा जैसे पुराने रोगों में जागरूकताका अत्यधिक महत्व है। इस यात्राberokzindagi yatra का मकसद सांस के रोगियों को जागरूक करना एवं उनके आत्मविश्वास को जगाना है की वो भी एक सामान्य जीवन जी सकते हैं। उन्हें सिर्फ इनहेलर का हमेशा उपयोग करना होगा। 

उन्होंने बताया कि अस्थमा एक पुरानी बीमारी है जिसके लिए लंबे समय तक उपचार की आवश्यकता होती है। कई मरीज़ बिना किसी डॉक्टर के सलाह के अपने इनहेलर्स को लेना बंद कर देते हैं। यह खतरनाक हो सकता है क्योंकि उपचार बंद करने का मतलब है कि बहुत सी चीज को रोकना जो उन्हें फिट और स्वस्थ बनाए रखे। मरीजों को अपने चिकित्सक से प्रत्येक और हर चीज पर सलाह लेनी चाहिए। 

वही पीएमसीएच पल्मोनरी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ अशोक शंकर सिंह के अनुसारए श्अस्थमा और इन्हलर थेरेपी के प्रति धारणा को बदलना बहुत महत्वपूर्ण है। इनहेल्ड दवाएं सीधे फेफड़ों तक दवाओं को पहुंचाने में मदद करती हैं। लेकिन रोगियों को उपयुक्त उपचार अपनाने की आवश्यकता है जो की इन्ह्लेर के माध्यम से आसानी से संभव है। 

पीएमसीएच पल्मोनरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. पी के अग्रवाल इस बारें में बात करते हुए कहते हैं कि berokzindagi yatra अभियान का यह दूसरा चरण है। यह अभियान इनहेलर्स के साथ इलाज व अस्थमा के बारे में जागरूकता और शिक्षा पैदा करने पर ध्यान केंद्रित करती है और मरीजों को बाधा रहित जीवन जीने के लिए प्रेरित करती रहती है। 

उन्होंने बताया कि अभियान का उद्देश्य इनहेलेशन थेरेपी के आसपास के मिथकोंको खत्म करना और चिकित्सा के आसपास प्रमुख मुद्दों और मिथकों को संबोधित करके इसे अधिक सामाजिक रूप से स्वीकार्य बनाना है। यह माता.पिता और उनके चिकित्सकों के बीच आगे की बातचीत को बढ़ावा देने और यह भी उजागर करने में मदद करेगा कि इनहेलर बच्चों के लिए उपयुक्त हैं और गंभीरता के सभी स्तरों के लिए इनहेलर की लत नहीं लगती हैं और मौखिक समाधान की तुलना में बेहतर परिणाम दिखाते हैं।

बता दें berokzindagi yatra सिप्ला की एक सार्वजनिक सेवा पहल है जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य पेशेवरों के समर्थन से अस्थमा और उनके परिवारों से पीड़ित लाखों लोगों तक पहुंचना है। ब्रीथफ्री का उद्देश्य अस्थमा के रोगियों को जीवन पूरा करने में मदद करना है और उन्हें विश्वास दिलाता है कि अस्थमा एक बीमारी है जिसे नियंत्रित किया जा सकता है। 

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