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सरकारी स्कूलों के निरीक्षण के लिये शुरू किया गया बेस्ट एप 14 जिलों में बुरी तरह हुआ फेल,जिम्मेवार अधिकारियों पर गिरेगी गाज

सरकारी स्कूलों के निरीक्षण के लिये शुरू किया गया बेस्ट एप 14 जिलों में बुरी तरह हुआ फेल,जिम्मेवार अधिकारियों पर गिरेगी गाज

PATNA : साल भर पहले शिक्षा मंत्री ने बड़े ही तामझाम से प्रारंभिक विद्यालयों में मॉनिटरिंग के लिये बेस्ट ऐप की शुरुआत की थी। ताकि स्कूलों पर नजर रखी जा सके । 

बेस्ट एप के द्वारा टाइम टेबल स्कूल में फॉलो हो रहा है या नहीं ?शिक्षकों की उपस्थिति क्या है? मध्याह्न भोजन बना या नहीं बना तो उसकी गुणवत्ता क्या है? जितना नामांकन हुआ उसके विरुद्ध विद्यार्थियों की उपस्थिति स्कूल में क्या है? निरीक्षण के दौरान स्कूल खुला था या नहीं? बच्चों के पढ़ाई और समझ के स्तर की गुणवत्ता क्या है ?

इन उपरोक्त लिखित बिंदुओं पर स्कूलों की मॉनिटरिंग कर रिपोर्ट तैयार करना था ताकि स्कूलों में सुधार किया जा सके।

लेकिन कई जिलों में स्कूलों की मॉनिटरिंग में बेस्ट ऐप का प्रयोग असफल रहा है, पूरे एक साल का आकलन शिक्षा विभाग के द्वारा किया गया है।

हालांकि राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी रविशंकर सिंह का मानना है कि जिन जिलों में बेस्ट ऐप स्कूलों की मॉनिटरिंग में असफल रहा है उससे खुद शिक्षा विभाग आश्चर्यचकित है। लेकिन कहीं-कहीं तकनीकी समस्या भी आड़े आ रही है। कुछ भी हो स्कूलों की मॉनिटरिंग हर कीमत पर करना होगा। अन्यथा जिम्मेवार अधिकारी अपने ऊपर कार्रवाई के लिए तैयार रहें।।

अद्यतन रिपोर्ट के मुताबिक पूरे वर्ष भर में 34% प्रारंभिक स्कूलों की मॉनिटरिंग नहीं हो पाई। राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी के अनुसार शिक्षा विभाग इस मुद्दे पर गंभीर है। बेस्ट ऐप के संचालन में असफल जिलों को सख्त निर्देश दिया गया है की हर कीमत पर विद्यालय की मॉनिटरिंग करें। इसके लिए 31 अगस्त तक एक डेडलाइन भी तय की गई है।

बेस्ट एप के संचालन के लिए बीआरसी ,सीआरसी, बीईओ ,डीईओ और डीपीओ को जिम्मेवारी दी गई है ।

अगर मॉनिटरिंग की स्थिति में सुधार नहीं होता है तो संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।


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