DESK : परिवार में माँ बाप को भगवान का दर्जा दिया जाता है. कई लोग उनकी सेवा पूरी तन मन से करते हैं. लेकिन कई मामले ऐसे भी सामने आते हैं. जहाँ बच्चे अपने बुजुर्ग माता-पिता को छोड़ देते हैं. उनकी सेवा नहीं करते. जबकि कर्नाटक के कलबुर्गी में एक ऐसा मामला सामने आया है. जिसमें तीन बेटों ने न सिर्फ अपने माता-पिता की जिंदगी भर पूजा की. बल्कि मरने के बाद उनका मंदिर भी बनाया है. मंदिर के निर्माण के बाद भंडारे का भी आयोजन किया गया. इस मौके पर पूरे गांव को भोज खिलाया गया.
पूरा मामला अलंद तालुक के निरगुड़ी गांव का बताया जा रहा है. जहाँ पेशे से किसान विश्वनाथ पात्रे का तीन साल पहले निधन हो गया था, उनकी पत्नी लक्ष्मीबाई पेत्रे का छह महीने पहले निधन हुआ. उनके बच्चे ग्राम पंचायत सदस्य, जगन्नाथ (45), पंचायत विकास अधिकारी दशरथ (42) और प्रथम श्रेणी सहायक धनंजय (38) ने एक छोटे से मंदिर का निर्माण किया और अपने माता-पिता की मूर्ति इस मंदिर में स्थापित की.
बेटों ने मंदिर निर्माण कि लिए 2 लाख रुपये खर्च किए. उद्घाटन के समय, गांव के निवासी एकत्र हुए और तीनों के काम की जमकर प्रशंसा की. लोगों ने कहा कि उन्हें याद है कि कैसे विश्वनाथ और लक्ष्मीबाई कहते थे कि उनके बेटे शिक्षित होकर अच्छे नागरिक बनेंगे और दूसरे बच्चों के लिए रोल मॉडल बनेंगे.