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वादों के पूरा होने की इन्तजार करती भागलपुर से कहलगांव जानेवाली सड़क, मरम्मत नहीं होने से हालत दयनीय

वादों के पूरा होने की इन्तजार करती भागलपुर से कहलगांव जानेवाली सड़क, मरम्मत नहीं होने से हालत दयनीय

BHAGALPUR : विक्रमशिला भारत का एक प्रसिद्ध शिक्षा केंद्र था. वर्तमान समय में बिहार के भागलपुर जिले के अंतिम गांव में यह विक्रमशिला के भवन का अवशेष अवस्थित है. यह एक पर्यटन स्थल भी है. साथ ही कहलगांव में ही नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन का भी प्लांट है. भागलपुर से कहलगांव विक्रमशिला, पीरपैंती जाने के लिए काफी जद्दोजहद करना पड़ेगा. क्योंकि यह रास्ता महज ही 30 से 35 किलोमीटर का है. लेकिन इसे तय करने में 3 से 4 घंटे लगते हैं. 

आये दिन कई सड़क दुर्घटनाएं भी होती रहती हैं. इसका कारण सिर्फ और सिर्फ सड़क का सही से मरम्मत ना हो पाना है. जबकि कितने पैसे इस एन एच पर खर्च हो चुका होगा. मजे की बात तो यह है कि अगर कोई बड़े पदाधिकारी या बड़े मंत्री आने को हो तो यह सड़क दुल्हन की तरह रातों रात सज कर तैयार हो जाती है, वही कुछ दिन बाद इसकी स्थिति काफी दयनीय व भैयावह हो जाती है. भागलपुर से कहलगाँव पीरपैंती जाने वाली एनएच 80 की तस्वीर एक बार फिर से भयानक हादसे का कारण बन गई है. 

इतने दिनों में कई जनप्रतिनिधि आए और कितने जनप्रतिनिधि चले गए. लेकिन किसी ने इसका निर्माण नहीं कराया. 2019 और 2020 का लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में नए जनप्रतिनिधियों के जीतने का आधार भी यही सड़क रही. वादा था कि जीतेंगे तो एनएच 80 जरूर बनवाएंगे. लेकिन मौजूदा हालात को देख कोई भी सिहर जायेगा. जबकि कहलगाँव इलाके में विक्रमशिला बौद्ध महाविहार है. 2340 मेगावाट विद्युत उत्पादन करने वाली थर्मल पावर प्लांट है. इलाके के तमाम जनप्रतिनिधि वर्तमान सरकार (एनडीए) से ही हैं. फिर भी सड़क की दशा दयनीय है. 

भागलपुर से अंजनी कुमार कश्यप की रिपोर्ट 


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