डेस्क... किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए मंगलवार को विपक्ष दल के नेता भारत बंद में कूद पड़े। इस आंदोलन से किसानों का कितना भला होगा ये तो आने वाले समय में पता लगेगा, लेकिन बंदी के दौरान खामियाजा आम लोगों को उठाना पड़ा। जिसका ताजा उदाहरण समस्तीपुर में देखने को मिला, जहां जाम में फंसे रहने के कारण एक डेढ़ साल के बच्ची की मौत हो गई। अगर वो समय से अस्पताल पहुंच जाती तो शायद उसकी जान बच जाती।
बता दें कि भारत बंद के दौरान बिहार के समस्तीपुर में मंगलवार को मुसरीघरारी चौराहे के समीप एक बीमार बच्ची की मौत हो गई। वह पटोरी थाने के हवासपुर निवासी सिकंदर मांझी की डेढ़ वर्षीय पुत्री सनाया थी। बच्ची के परिजनों ने बताया कि दिन में सनाया की घर पर ही अचानक तबीयत खराब हो गई थी। परिजन आनन-फानन में उसे पटोरी अनुमंडल अस्पताल में ले गये। जहां से उसे बेहतर इलाज के लिए समस्तीपुर सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया।
परिजन बच्ची को एक बोलेरो से लेकर समस्तीपुर जा रहे थे। रास्ते में किसान आंदोलन के समर्थन में लगे जाम के कारण मुसरीघरारी चौराहे पर फंस गए। परिजनों ने जाम करने वालों से काफी आरजू मिन्नत की। पर, किसी ने बोलेरो को जाने का रास्ता नहीं दिया।
गौरतलब है किसान आंदोलन में शामिल संगठनों ने स्पष्ट कर दिया था कि भारत बंद के दौरान जरूरी सेवाओं को बाधित नहीं किया जाए, इसके बावजूद कल इस प्रकार की घटना को प्रदर्शनकारियों की तरफ से दिया गया है।