DESK: कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर किसानों को जमा हुए चार महीने बीत चुके हैं. चार महीने पूरे होने पर किसानों ने 26 मार्च को भारत बंद का आह्वान किया है. इस दौरान उन्होनें सुबह 6 बजे से शाम के 6 बजे तक विरोध प्रदर्शन की बात कही है. इस बंद का असर सड़कों पर देखने को मिलेगा, इसलिए सोच समझकर घर से बाहर निकलें और गैर जरूरी काम को कल के लिए टाल दें.
उन्होनें केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हम तो वार्ता के लिए 24 घंटे तैयार हैं, मगर सरकार खुद ही रुचि नहीं ले रही. विरोध को लेकर कई रास्ते बाधित किए जाएंगे, जिनमें NH-24 का दिल्ली से गाजियाबाद का रास्ता बंद होने की वजह से लोगों को परेशानी होगी. वहीं दिल्ली-एनसीआर के बीच सफर करने वाले लोगों को परेशानी हो सकती है. चिल्ला बॉर्डर पर भी बंद का असर दिखाई दे सकता है. किसान संगठनों का कहना है कि वह बंद के दौरान सभी बॉर्डर पर प्रदर्शन करेंगे, जिसे देखते हुए चिल्ला बॉर्डर पर काफी संख्या में पुलिस बल को लगाया गया है. हरियाणा में भी किसान नेताओं ने सभी राजमार्ग और राष्ट्रीय राजमार्ग को प्रदर्शन के लिए चुना है. इन सभी रास्तों को बंद करा दिया है. इसके अलावा दिल्ली से पंजाब के बीच रेल सेवाएं भी बाधित की जा रही हैं. करीब 31 जगहों पर किसान नेताओं ने ट्रेनों को रोक रखा है और ट्रैक पर ही प्रदर्शन कर रहे हैं.
सिंघु और टिकरी बॉर्डर के रास्ते हरियाणा आने-जाने का रूट तो पहले से ही बंद है, लेकिन भारत बंद के दौरान किसान बदरपुर और गुरुग्राम की तरफ से दिल्ली और हरियाणा जाने वाले रास्तों को भी रोक सकते हैं. इसी तरह कालिंदी कुंज की तरफ से भी ट्रैफिक का रूट बंद किया जा सकता है. इन सभी रास्तों के बंद हो जाने से ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा सकती है. बंद के दौरान सभी छोटे और बड़े मार्ग बाधित किए जाएंगे तथा ट्रेनों को रोका जाएगा. एंबुलेंस और अन्य आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाएं बंद रहेंगी.