Desk:-15 जून को भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प को लेकर कई खबरे आ रही हैं. भारतीय सेना ने तो 20 जवानों की शहादत की घोषणा कर दी थी. लेकिन चीन की तरफ से कोइ आधिकारिक बयान नहीं आया है. इसको लेकर सरकार पर सवाल उठाये जा रहे हैं. लेकिन अब धीरे धीरे गलवान घाटी की खुनी रात की परते खुलने लगी है. पहले चीनी सैनिकों की मरने की संख्या 43 बताया जा रहा था.
दरसल, झड़प के बाद दोनों देशों के सैनिकों की बॉडी की अदला बदली की गयी. इनमे वो सैनिक शामिल थे जो हिंसक झड़प के शिकार हो गए थे. खबरे आई हैं कि चीन को 16 सैनिकों के बॉडी सौंपे गए. इसमें चीन के 5 ऑफिसर भी शामिल थे. हालाँकि ये क्लियर नहीं है की इन पांच बॉडी में चीन के कमांडिंग ऑफिसर भी शामिल थे या नहीं. मतलब 16 चीनी सैनिक युद्ध क्षेत्र में ही मरे थे. वहीं भारत के 3 सैनिक शहीद हुए थे. अनुमान लगाया जा रहा है कि जिस तरह लड़ाई के दूसरे दिन भारत के 17 जख्मी जवानों ने अपनी जान गंवाई थी. उसी तरह चीन के भी कई जख्मी जवानों की बाद में मौत हुई होगी.
रात के अंधेरे में जब बॉडी अदला बदली की जा रही थी. तभी चूँकि युद्ध के बाद जीरो से कम तापमान में कई सैनिक इधर-उधर बिछड़ गए. 16 जून को जब भारतीय सैनिक एलएसी पर अपने पोस्ट की तरफ आ रहे थे. तब उन्होंने पाया की कई सैनिक मिसिंग हैं. फिर दोनों पक्षों के मेजर जनरल की ओर से बातचीत हुई. जिसके बाद दोनों पक्षों के 'लापता' सैनिकों को वापस करने पर सहमति बनी. वहां ये भी कहा गया की बंधक बनाने जैसी कोई बात नही थी. हम उनके सैनिकों को मेडिकल हेल्प दे रहे थे, वो हमारे सैनिकों का उपचार कर रहे थे.