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भारत में बैन होने के बाद टिकटॉक कंपनी का हाल हुआ बुरा ,जल्द ही हो सकती है नीलाम

भारत में बैन होने के बाद टिकटॉक कंपनी का हाल हुआ बुरा ,जल्द ही हो सकती है नीलाम

DESK:भारत और चीन के बीच हुई झड़प के बाद से भारत में चीन के 59 चाइनीज एप्स को बंद कर दिया गया था जिसके बाद चीन की अर्थवयव्स्था डगमगा गयी है खबर है कि चीन की कंपनी बाइटडांस टिकटॉक ऐप समेत अपना सारा कारोबार बेच सकती है. निवेशकों ने उसके लिए 50 अरब डॉलर तक की बोली भी लगाई है.  

सूत्रों का कहना है कि भारत में टिकटॉक, हेलो समेत कई ऐप पर प्रतिबंध के बाद अमेरिका और जापान में भी कार्रवाई की आशंका के कारण बाइटडांस कई विकल्पों पर विचार कर रही है.इसमें कंपनी की 50 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी बेचने के साथ मालिकाना हक छोड़ने का विकल्प भी है, ताकि चीन सरकार से रिश्तों के आरोपों को लेकर उस पर कोई आंच न आए. बताया जा रहा है कि कंपनी सिर्फ अमेरिका को भी अपना कारोबार बेचने की सोच सकती है.अमेरिका की विदेशी निवेश संबंधी समिति ने डाटा को लेकर पहले ही टिकटॉक पर चिंता जताई है.


बताया जा रहा है कि सीक्योइआ और जनरल अटलांटिक जैसी कंपनियों ने टिकटॉक के मालिकाना हक समेत बहुलांश से ज्यादा हिस्सेदारी खरीदने का प्रस्ताव बाइटडांस के समक्ष रखा है.कई अन्य कंपनियों के साथ टिकटॉक को पूरी तरह खरीदने का प्रस्ताव भी दिया गया है.निवेशकों ने टिकटॉक के एक अरब डॉलर से 50 गुना ज्यादा बोली लगाई है.बाइटडांस के अधिकारियों ने कंपनी के बाजार मूल्य को लेकर निवेशकों से चर्चा भी की है.हालांकि बाइटडांस के संस्थापक और सीईओ यिमिंग झांग का रुख अहम होगा.टिकटॉक का 2021 में राजस्व छह अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. 

इस साल की शुरुआत में बाइटडांस का बाजार मूल्य 140 अरब डॉलर आंका गया था, लेकिन कई झटकों के बाद इसमें गिरावट आई.गौरतलब है कि बाइटडांस ने 2017 में वीडियो ऐप म्यूजिकली को एक अऱब डॉलर में खऱीदा था और बाद में इसे टिकटॉक के रूप में रिलॉन्च किया.

सोशल मीडिया में प्रतिस्पर्धा के लिए चीनी ऐप की जरूरत: टिकटॉक

टिकटॉक के सीईओ केविन मेयर ने बुधवार को कहा कि सोशल मीडिया में प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के लिए टिकटॉक समेत दूसरे चीनी ऐप की जरूरत है. उन्होंने कहा कि चीनी एप हटाए गए तो अमेरिकी विज्ञापनकर्ताओं के समक्ष बेहद कम विकल्प रह जाएंगे.मेयर का बयान ऐसे वक्त आया है जब अमेजन, फेसबुक, एप्पल औऱ गूगल के सीईओ अमेरिकी संसद के समक्ष गवाही के लिए पेश हुए हैं, जिनके बाजार में एकाधिकार को लेकर सवाल उठे हैं.

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