DARBHANGA : राज्य के नगर विकास विभाग ने दरभंगा नगर निगम के महापौर, उपमहापौर और स्थायी सशक्त समिति के सभी पार्षदों को पद से बर्खास्त करते हुए पद को रिक्त कर दिया है। महापौर वैजंती देवी खेड़िया ने फैसला के विरोध में न्यायालय जाने की बात कही है। बर्खास्तगी 9 शौचालयों के बंदोबस्ती लेने वाले ठीकेदार को 27 लाख रूपया माफ कर देने के मामले में हुई है।
प्रमंडलीय आयुक्त ने इस मामले की जांच कराई थी। जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद जाचं रिपोर्ट को आयुक्त ने सरकार को भेज दिया था। प्रदीप गुप्ता, शंकर प्रसाद जायसवाल सहित कई पार्षदों ने बंदोबस्ती नियम को नजर अंदाज कर 27 लाख रूपये छूट देने का आरोप लगाया था। आयुक्त ने जांच कराने के बाद महापौर सहित सभी पार्षदों से स्पष्टीकरण पूछा था। स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं पाए जाने पर बर्खास्तगी की कार्रवाई की गयी है। नगर विकास विभाग ने अपने पत्रांक 3538 दिनांक 06-12-1901 के माध्यम से बिहार नगर पालिका अधिनियम 207 की धारा 25 (5) के तहत महापौर वैजंती देवी खेड़िया और उपमहापौर बदरूजमा खां को पदमुक्त कर दिया है। साथ ही महापौर और उपमहापौर के पद को रिक्त घोषित कर दिया है।
वहीं नगर विकास विभाग ने अपने पत्रांक 3539 दिनांक 6-12-2021 के माध्यम से बिहार नगर पालिका अधिनियम 2007 की धारा 17 (4)के तहत स्थायी समिति के सदस्य अजय कुमार जालान, सोहन यादव, सुबोध कुमार, मो. सिवगतुल्लाह, विनोद मंडल, आशा किशोर प्रजापति एवं नुसरत आलम को नगर निगम के वार्ड पार्षद के पद से बर्खास्त करते हुए पद को रिक्त घोषित कर दिया है।
दरभंगा से वरुण ठाकुर की रिपोर्ट