मोतिहारी- जिला में फर्जी प्रमाणपत्र पर कार्यरत शिक्षकों पर निगरानी विभाग की कार्रवाई की चाबुक चलना शुरू होते ही हड़कंप मच गया है ।एक माह पूर्व निगरानी डीएसपी ने बंजरिया प्रखंड के छह फर्जी शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज करायी थी। वहीं निगरानी डीएसपी राजेश कुमार ने पुनः बंजरिया थाना में चार फर्जी शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आवेदन दिया है। निगरानी विभाग की फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई की रफ्तार बढ़ने से वर्षो से फर्जी प्रमाणपत्र पर कुंडली मारकर नौकरी कर रहे शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है। शिक्षा विभाग सूत्रों की माने तो जिला के अलग अलग प्रखंडों में फर्जी प्रमाणपत्र पर बने शारीरिक शिक्षक सहित लगभग 150 से अधिक शिक्षक कार्रवाई के जद में है ।
प्राथमिकी में कहा गया है कि क्षमादान के बावजूद चिह्नित फर्जी शिक्षकों के द्वारा त्याग पत्र नहीं दिया गया था.जिसको लेकर फर्जी प्रमाणपत्र पर चिन्हित शिक्षकों पर कार्रवाई में विभाग जुटा हुआ है । मिली जानकारी के अनुसार जिन चार लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है. उनमें पटना और मुजफ्फरपुर के रहने वाले शिक्षक भी है, जो बंजरिया में फर्जी ढंग से नौकरी कर रहे हैं।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पटना के पीर बहोर निवासी मोहम्मद सलाउद्दीन की पुत्री इकरा फातिमा द्वारा पत्राचार का पता मोहम्मद आलम सुरूजपुर पिपराकोठी दिया गया था. जिनका पदस्थापन उ.म.वि. आमवा बंजरिया में दिखाया गया है। दूसरा मोहम्मद नगर किशुनबाग बेतिया की मोहम्मद अंसारी की बेटी नइमा प्रविण का पदस्थापन म.वि. जटवा उर्दू बंजरिया में दिखाया गया है। तीसरा साहेबगंज मुजफ्फरपुर निवासी मोहम्मद सिद्धिक की बेटी साबरा खातून का पदस्थापन उ.म.वि. सिसवनिया उर्दू बंजरिया में दिखाया गया है। चौथा मुर्दाचक जीवधारा पिपराकोठी निवासी मोहम्मद खलिद के पुत्र मोहम्मद जयाउद्दीन जो उ.म.वि. आमवा बंजरिया में पदस्थापित है।
डीइओ ने बताया कि बंजरिया में चार फर्जी शिक्षकों के खिलाफ प्राथमिकी की कार्रवाई की जा रही है। डिटेल्स पत्र मिलने के बाद कुछ कहा जा सकता है। थानाध्यक्ष इंद्रजीत पासवान ने बताया कि निगरानी के आवेदन पर सभी चारों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है।
वहीं शिक्षा विभाग सूत्रों की माने तो जिला में फर्जी प्रमाणपत्र पर कुंडली मारकर नौकरी कर रहे शिक्षकों की संख्या लगभग 150 से अधिक है । जिला में शिक्षा माफियाओ द्वारा बड़ी स्तर पर फर्जीवाड़ा कर एक ही प्रमाणपत्र का स्कैनकर दर्जनों शारीरिक शिक्षकों का नियोजन किया गया है । अगर सूक्ष्म तरीके से जांच किया जाय तो फर्जी शिक्षकों की संख्या और अधिक होने से इंकार नही किया जा सकता। वहीं निगरानी विभाग के फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है ।
रिपोर्ट- हिमांशु कुमार