PATNA: बिहार बीजेपी के अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल ने तब्लीगी जमात पर बड़ा सवाल खड़ा किया है।बीजेपी अध्यक्ष ने सीधा अटैक करते हुए कहा है कि तबलीगी जमात के विदेशी, पर्यटन के नाम पर देश के साथ धोखाधड़ी करते आए हैं। पूरे विश्व के पर्यटक दूसरे देश मे जाते हैं तो उससे वहां की आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है। तबलीगी जमात के विदेशी धर्म का प्रचार करने आते हैं, पर शुरुआत ही पर्यटन के नाम पर झूठ बोलकर करते हैं । उसके बाद मस्जिदों में बैठकर भारतीयों का मुफ्त खाना खाते हैं
संजय जायसवाल ने अपने सोशल साइट पर तब्लीगी जमात पर सवाल उठाया है।साथ हीं देश के 101 पूर्व नौकरशाहों द्वारा पीएम और सीएम को लिखी गई चिट्ठी पर भी जवाब दिया है।उन्होंने लिखा है कि देश के 101 पूर्व नौकरशाहों ने माननीय प्रधानमंत्री जी और सभी मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखी है कि तबलीगी जमात के घटिया हरकत के कारण किसी समाज को दोष नहीं दिया जाए। मैं भी पूरी तरह इस मामले में उनके साथ हूं।
तबलीगी जमात के विदेशी, पर्यटन के नाम पर देश के साथ धोखाधड़ी करते आए हैं। पूरे विश्व के पर्यटक दूसरे देश मे जाते हैं तो उससे वहां की आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है। तबलीगी जमात के विदेशी धर्म का प्रचार करने आते हैं, पर शुरुआत ही पर्यटन के नाम पर झूठ बोलकर करते हैं । उसके बाद मस्जिदों में बैठकर भारतीयों का मुफ्त खाना खाते हैं ।
शुरुआत में इनके द्वारा फैलाए गए करोना मरीजों की संख्या 70% थी। अब घटकर 30% हो गई है । भारत में जब 10 लाख लोग संक्रमित होंगे तो इनकी संख्या केवल 2% हो जाएगी ।फिर यह अपना विक्टिम कार्ड खेलेंगे कि हमारे द्वारा 2% ही रोग फैला है तो हमें क्यों दोष दिया जा रहा है ।
101 पूर्व नौकरशाह आज तो शिकायत कर रहे हैं, पर कल इनके समर्थन में भी उतर जाएंगे। अगर इन्होंने संतों की हत्या के खिलाफ भी इस पत्र में लिखा होता तो सही मायने में हम मानते कि ये धर्मनिरपेक्ष हैं । तबलीगी जमात के घटियापन के लिए पूरे समाज को दोष देना सरासर गलत है। 133 करोड़ लोग सभी नियमों का पालन कर रहे हैं और मुश्किल से 2 लाख लोग नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं ।अर्थात भारत मे 99.98% लोग नियमों का पालन कर रहे हैं। देश में धर्मनिरपेक्षता और सांप्रदायिकता, बहुत ही पतली लकीर हो चुकी है।
बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कुछ तस्वीरें भी शेयर किया है।उन्होंने लिखा है कि मैं तस्वीरें लगा रहा हूं ।झारखंड में अगर विश्व हिंदू परिषद द्वारा अनुमोदित फल की दुकान हो तो यह जेल जाने के लिए होता है। पर अगर जमात उल हिंद ट्रस्ट द्वारा अनुमोदित हलाल का प्रमाण पत्र लेने के लिए अंग्रेजी और उर्दू में प्रचारित किया जाता हो तो यह भारत के धर्मनिरपेक्षता की सही तस्वीर है।
आजकल सभी लोग संविधान की प्रतियां लेकर आंदोलन करते हैं। हमारे संविधान में बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर ने संविधान के भाग 4 अनुच्छेद 44 में कहा था कि समान नागरिक संहिता लागू करना हमारा लक्ष्य होगा। आज देश की धर्मनिरपेक्षता को बचाने के लिए बाबासाहेब आंबेडकर जी के इस अनुच्छेद की सबसे ज्यादा जरूरत है।