N4N DESK : सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस एमबी लोकुर नेकेन्द्र की मोदी सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि सरकार अभिव्यक्ति की आजादी पर रोक लगाने के लिए देशद्रोह कानून का इस्तेमाल कर रही है। लोगों की आवाज पर अंकुश लगाने का एक और तरीका है, फर्जी खबर फैलाने का आरोप लगाकर महत्वपूर्ण मुद्दे उठाने से रोकना।
सुप्रीम कोर्ट पूर्व जस्टिस लोकुर सोमवार को ‘फ्रीडम ऑफ स्पीच एंड ज्यूडिशरी’ पर आयोजित वेबिनार में कहा कि सरकार देशद्रोह के कानून को मजबूत हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रही है। इस दौरान उन्होंने कई पत्रकारों का उदाहरण दिया, जिन पर कोरोना वायरस के मामलों और वेंटिलेटर की कमी के मुद्दे उठाने पर फर्जी खबर फैलाने का आरोप लगाया गया है।
उन्होंने कहा कि अचानक बहुत से लोगों के खिलाफ देशद्रोह के आरोप में केस दर्ज किए गए। एक आम नागरिक कुछ भी कहने की कोशिश करता है, उस पर देशद्रोह का आरोप लगा दिया जाता है। इस साल 70 केस दर्ज हो चुके हैं।
पूर्व जस्टिस लोकुर ने कहा कि यहां ऐसे लोग भी हैं जो हिंसा के बारे में बात करते हैं, लेकिन उन लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है। दुर्भाग्यपूर्ण की बात यह है कि जिन लोगों को निरोधात्मक हिरासत में रखा गया है, वे इसे चुनौती नहीं दे रहे हैं। इसकी वजह शायद डर भी हो सकती है।
लंबित मामलों को लेकर उन्होंने कहा कि मैं ई-कोर्ट की वेबसाइट पर गया था। करीब तीन करोड़ 40 लाख मामले लंबित हैं। न्यायपालिका को पारदर्शी होना है। उन्हें हमें बताना चाहिए कि उसकी ओर से क्या हो रहा है?