DESK. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र से आफस्पा को पूरी तरह हटाने के प्रयास किए जा रहे हैं. यहां एक ‘शांति, एकता और विकास' रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में पिछले 8 वर्षों में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति में सुधार आने के बाद हटाया जा सका है.
असम के दीफू में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बीते दशकों में एक लंबा समय बहुत मुश्किलों से गुजारा है. लेकिन 2014 के बाद नार्थ ईस्ट में मुश्किलें लगातार कम हो रही हैं, लोगों का विकास हो रहा है. असम की स्थायी शांति और तेज विकास के लिए जो समझौता हुआ था. उसको जमीन पर उतारने का काम आज तेज गति से चल रहा है. हथियार छोड़कर जो साथी राष्ट्र निर्माण के लिए लौटे हैं, उसके पुनर्वास के लिए भी बेहतर काम किया जा रहा है. आज जो शिलान्यास के कार्यक्रम हुए हैं, ये सिर्फ किसी इमारत का शिलान्यास नहीं है, ये यहां नौजवानों के उज्ज्वल भविष्य का शिलान्यास है.उन्होंने असम सहित पूर्वोत्तर भारत में लम्बे समय तक रही अशांति का जिक्र करते हुए कहा कि पहले बम-गोलियां गूंजती थीं, अब तालियां बज रही हैं.
गौरतलब है कि केंद्र ने नगालैंड, असम और मणिपुर में आफस्पा के तहत आने वाले प्रभावित इलाकों को दशकों बाद एक अप्रैल से कम करने की घोषणा की थी. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की ‘डबल इंजन' सरकार का प्रभाव असम में स्थायी शांति और तेज गति से विकास के लौटने से दिखायी देता है.
उल्लेखनीय है कि भाजपा नेता ‘डबल इंजन' शब्द का इस्तेमाल पार्टी के केंद्र के साथ ही राज्य में भी सत्ता में रहने पर करते हैं. मोदी ने कहा कि सरकार ने असम के कार्बी आंगलोंग और त्रिपुरा में शांति समझौते किए हैं जबकि पूरे क्षेत्र में स्थायी शांति लाने एवं तेज गति से विकास करने के प्रयास किए जा रहे हैं. प्रधानमंत्री ने कार्बी आंगलोंग में पशु चिकित्सा विज्ञान और कृषि कॉलेजों तथा एक मॉडल सरकारी कॉलेज की नींव रखी.