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BIG BREAKING : योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने दिया इस्तीफा, भाजपा छोड़ सपा में जाएंगे

BIG BREAKING : योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने दिया इस्तीफा, भाजपा छोड़ सपा में जाएंगे

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में भाजपा को विधानसभा चुनाव के पूर्व बड़ा झटका लगा है. योगी सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया. उन्होंने ट्वीट कर कहा, दलितों, पिछड़ों, किसानों, बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे-लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के योगी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देता हूं।

योगी सरकार में श्रम मंत्री मौर्या को कोइरी समुदाय का बड़ा नेता माना जाता है. वह कोइरी समुदाय से है और पांच बार विधायक रह चुके हैं. 2016 ने भाजपा में शामिल होने के पहले मौर्या बसपा में थे. वे चार बार बसपा की ओर से निर्वाचित हुए थे जबकि पिछली बार भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते. उनकी बेटी भी इस समय भाजपा के टिकट में लोकसभा सांसद हैं. माना जा रहा है कि मौर्य अब समाजवादी पार्टी का दामन थामेंगे. उनके साथ भाजपा के कुछ और नेता भी सपा का दामन थाम सकते हैं. 

स्वामी प्रसाद मौर्य का जन्म 2 जनवरी 1954 को प्रतापगढ़ में हुआ था। उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्स‌िटी से लॉ में स्नातक और एमए की डिग्री की हासिल की है। स्वामी प्रसाद मौर्य चार बार विधायक चुने गए और पांच बार कैबिनेट मंत्री बने साथ ही यूपी विधानसभा से तीन बार नेता प्रतिपक्ष चुने गए।

मौर्य ने 1980 में राजनीति में सक्रिय रूप से कदम रखा। वह इलाहाबाद युवा लोकदल की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य बने और जून 1981 से सन 1989 तक महामंत्री पद पर रहे। इसके बाद 1989 से सन 1991 तक यूपी लोकदल के मुख्य सचिव रहे। मौर्य 1991 से 1995 तक उत्तर प्रदेश जनता दल के महासचिव पद पर रहे।

2 जनवरी 1996 को स्वामी प्रसाद मौर्य ने बसपा की सदस्यता ली और प्रदेश महासचिव बने। 1996 में स्वामी प्रसाद मौर्य बसपा के टिकट पर डलमऊ, रायबरेली से विधानसभा सदस्य बने और चार बार विधायक बने। मौर्य ने 2009 में पडरौना विधानसभा उपचुनाव जीता और केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह की मां को हराया।

मौर्य सन 2007 से 2009 तक मंत्री रहे। जनवरी 2008 में उन्हें बसपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। 2012 में मिली हार के बाद मायावती ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर नेता प्रतिपक्ष बनाया और उनकी जगह रामअचल राजभर को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया।



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