DESK: देश में पिछले साल मार्च के ही महीने में कोरोना के बढ़ते केस के मद्देनजर लॉकडाउन लगा था. यह पहला मौका था जब एक साथ पूरा देश ‘लॉक’ हो गया था, वो भी बीमारी के कारण. एक साल बाद देश में कोरोना की रफ्तार धीमी पड़ चुकी है, लोग पहले से ज्यादा सजग हो गए हैं. भारत में वैक्सीन बन चुकी है और दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान भी शुरू हो गया है. इसके बावजूद महाराष्ट्र और केरल में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं.
कोरोना के बढ़ते मामलों के आलोक में महाराष्ट्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. महाराष्ट्र सरकार ने नागपुर में 15 से 21 मार्च तक लॉकडाउन लगा दिया है. इस दौरान केवल आवश्यक सेवाओं को ही जारी रखने की अनुमति दी जाएगी. आपको बता दें कि देश में महाराष्ट्र के कई जिले हॉटस्पॉट के रूप में विकसित हो रहे हैं जिसको लेकर सरकार चिंता में थी. इसी को लेकर पहले भी कुछ इलाकों में स्कूल और कॉलेज बंद किए गए थे. अब दोबारा सरकार ने लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया है.
महाराष्ट्र में बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण के इस साल एक दिन में सबसे अधिक 13,659 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 22,52,057 हो गई. कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य की उद्धव सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक 54 और रोगियों की मौत के बाद मृतकों की कुल संख्या 52,610 हो गई है. राज्य में पिछले साल आठ अक्टूबर को कोरोना वायरस संक्रमण के 13,395 मामले सामने आए थे. नागपुर में भी कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं. नागपुर में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 1513 नए मामले सामने आए जबकि अबतक कोरोना के दो लाख 43 हजार 726 मामले सामने आ चुके हैं. इनमें से चार हजार 877 लोगों की मौत हो चुकी है.