पटनाः जी हां, राजधानी में अपराध नियंत्रण के नाम पर जिस इंस्पेक्टर को पटना लाया गया वह तो दरोगा निकला। भले हीं आपको यह बात जंच नहीं रहा हो लेकिन यह सौ फीसदी सच है।
न्यूज4नेशन दरोगा को इंस्पेक्टर बता कर पटना पोस्टिंग लेने के बड़े खेले का खुलासा कर रहा है।दरअसल पटना डीआईजी की सिफारिश पर बिहार पुलिस मुख्यालय ने 28 जून 2019 को एक आदेश निकाला ।आदेश में कहा गया था कि पटना में अपराध नियंत्रण को लेकर विशेष परिस्थिति में 17 इंस्पेक्टर और 1 जमादार की पटना पुलिस बल में पोस्टिंग की जाती है।
तब तक सबकुछ ठीक था।.लेकिन 17 इंस्पेक्टर में से 8 ने पटना पुलिस बल में ज्वाईन नहीं किया।ज्वाईन नहीं करने के पीछे यह बात आई कि बिहार के विभिन्न जिलों में तैनात दरोगा को इंस्पेक्टर बता कर पटना लाया गया था उसे संबंधित जिलों के एसपी ने छोड़ने से इंकार कर दिया।बताया जाता है कि एसपी ने संबंधित दरोगा को छोड़ने से इसलिए इंकार कर दिया कि चूंकि वह इंस्पेक्टर रैंक में नहीं था बल्कि सब इसंपेक्टर यानि दरोगा था।जबकि मुख्यालय से जो आदेश आया था उसमे उन पुलिस अधिकारियों को इंस्पेक्टर बताया गया था।
पटना एसएसपी के पत्र सेे खुल गई पोल
जब 8 पुलिस इंस्पेक्टरों ने पटना पुलिस में ज्वाईन नहीं किया तो पटना एसएसपी गरिमा मलिक ने एडीजी हेडक्वाटर्र को पत्र लिखा।एसएसपी ने एडीजी को जानकारी दी कि 8 पुलिस इंस्पेक्टरों ने ज्वाईन नहीं किया है।
साथ हीं पटना एसएसपी ने पत्र में यह भी खुलासा कर दिया कि जिसे इंस्पेक्टर बता कर पटना जिले में पदस्थापित किया गया है वह सब इंस्पेक्टर रैंक का है।पटना एसएसपी ने पुलिस मुख्यालय से यह भी सिफारिश कर दिया कि आदेश में संशोधन कर दिया जाए।
कौन-कौन दरोगा को बना दिया गया इंस्पेक्टर..देखिए लिस्ट
1-राजेश कुमार सिन्हा-सारण पुलिस बल
2-मो. सूसुफ अंसारी-शिवहर
3-मिथिलेश कुमार पांडेय-गोपालगंज
4-रणवीर कुमार झा-सीतामढ़ी
5-राजीव कुमार रजक-बेतिया
6-सुरेन्द्र कुमार मिश्रा-मोतिहारी
7-हरेन्द्र प्रसाद-मुजफ्फरपुर