Big Breaking : नीतीश सरकार ने की बड़ी कार्रवाई, IPS आदित्य कुमार और दया शंकर को किया सस्पेंड

पटना. बड़ी खबर बिहार पटना से आ रही है। बिहार सरकार ने आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार और पूर्णिया के एसपी दया शंकर पर को सस्पेंड कर दिया है। आदित्य कुमार पर बिहार के डीजीपी को फोन कॉल से दवाब डालने के मामले में साजिश रचने का आरोप है। वहीं पूर्णिया के एसपी दयाशंकार पर आय से अधिक मामले में एसयूवी की रेड हुई थी। इस दौरान नगदी समेत करोड़ों रुपये की संपत्ति मिली थी।

गृह विभाग के आदेश के अनुसार पूर्णया के एसपी दया शंकर पर विशेष निगरानी ईकाई ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13 (1) (a) एवं (b) सहपठित धारा 13 (2) सहपठित धारा 12 तथा आई०पी०सी० की धारा 120 ( 8 ) के तहत विशेष निगरानी इकाई थाना कांड संख्या - 13 / 2022 दिनांक 10.10.2022 के तहत कांड दर्ज किया है। यह कांड अप्रत्यानुपातिक धनार्जन से संबंधित है एवं मामला अनुसंधानान्तर्गत है। दया शंकर के विरूद्ध उक्त कांड दर्ज होने एवं मामला अनुसंधानान्तर्गत होने तथा उसमें निहित आरोपों की गंभीरता एवं प्रकृति पर विचारोपरांत बिहार सरकार द्वारा अखिल भारतीय सेवाएं निहित प्रावधानों के अंतर्गत दया शंकर को तत्कालिक प्रभाव से निलंबित किया है। निलंबन की अवधि में दया शंकर का मुख्यालय पुलिस महानिरीक्षक, केन्द्रीय क्षेत्र, पटना का कार्यालय होगा। निलंबन अवधि में दया शंकर को अखिल भारतीय सेवाएं (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 1969 के नियम 4 के अधीन मात्र जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा।

वहीं आदित्य कुमार पुलिस महानिरीक्षक के सहायक (निरीक्षण) के विरूद्ध आर्थिक अपराध ईकाई द्वारा धारा 353/387/419/420/467/468/ 120 (B) भा0द0वि० तथा 66 (c) एवं 66 (D) IT' Act, 2000 के तहत आर्थिक अपराध थाना कांड सं0 33 / 2022, दिनांक 15.10.2022 दर्ज किया गया है, जो पटना मुख्य न्यायाधीश के नाम का छद्म दुरुपयोग कर मोबाईल नंबर 9709303397 के धारक/उपयोगकर्ता द्वारा पुलिस महानिदेशक एवं राज्य प्रशासन के वरीय प्राधिकारों को मोबाइल कॉल एवं व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से सम्पर्क कर एक वरीय पदाधिकारी के हित में प्रशासनिक निर्णय लिए जाने हेतु दबाव बनाये जाने के मामले से संबंधित है। आर्थिक अपराध इकाई की जांच में पुष्टि हुई कि यह कृत्य आदित्य कुमार के हित में प्रशासनिक निर्णय लेने हेतु किया गया, जो उपरोक्त धाराओं के अंतर्गत आदित्य कुमार एवं अन्य के विरूद्ध एक संज्ञेय अपराध है।

आदित्य कुमार, भा०पु० से० (2011) के विरूद्ध उक्त कांड दर्ज होने एवं मामला अनुसंधानान्तर्गत होने तथा उसमें निहित आरोपों की गंभीरता एवं प्रकृति पर विचारोपरांत राज्य सरकार द्वारा अखिल भारतीय सेवाएँ (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 1969 के नियम 3 ( 3) में निहित प्रावधानों के अंतर्गत आदित्य कुमार को तत्कालिक प्रभाव से निलंबित किया गया है। निलंबन की अवधि में आदित्य कुमार का मुख्यालय पुलिस महानिरीक्षक, केन्द्रीय क्षेत्र, पटना का कार्यालय होगा। निलंबन अवधि में आदित्य कुमार को अखिल भारतीय सेवाएं (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 1969 के नियम 4 के अधीन मात्र जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा।

आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार को बचाने के लिए पटना हाईकोर्ट के फर्जी मुख्य न्यायाधी बनकर बिहार के डीजीपी को कॉल कर दवाब बनाने के मामले में ईओयू ने आदित्य के दोस्त अभिषेक अग्रवाल समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया। इस मामले में एडीजी पुलिस मुख्यालय जेएस गंगवार ने कल प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। मामले को लेकर एडीजी ने कहा था कि इस मामले में आपीएस आदित्य कुमार नामदर्ज आरोपी है। उन्होंने मामले की साजिश रची है। मामले की ईओयू जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि इस मामले में अभी तक चार आरोपी गिरफ्तार किये गये हैं। इसके पास से मोबाइल और सिम कार्ड जब्त किये गये हैं।