पटना. उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. IRCTC घोटाले में नामजद तेजस्वी यादव की जमानत रद्द करने के लिए CBI ने दिल्ली की कोर्ट में अर्जी दी है. सीबीआई का कहना है कि तेजस्वी यादव जांच को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं. इस मामले में स्पेशल जज गीतांजलि गोयल ने तेजस्वी यादव को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने तेजस्वी यादव से पूछा है कि सीबीआई की याचिका को देखते हुए क्यों न उनकी जमानत रद्द कर दी जाए. हालांकि जज ने उन्हें जवाब देने के लिए तलब किया है. उन्हें 28 सितम्बर तक जवाब देना है.
IRCTC घोटाले में नाम आने के बाद ही वर्ष 2017 में नीतीश कुमार ने महागठबंधन से अलग होकर एनडीए में जाकर सरकार बनाई थी. हालांकि इस मामले में तेजस्वी यादव पर तब से अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. अब राज्य में जब फिर से महागठबंधन की सरकार बन गई है तो फिर से यह मामला अचानक से सुर्खियां बन गया है. इसी बीच अब सीबीआई ने तेजस्वी यादव की जमानत याचिका रद्द करने के लिए कोर्ट में अर्जी दे दी है.
दरअसल, आईआरसीटीसी घोटाले में लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव समेत कई लोग इस मामले में आरोपित हैं. ये मामला राउज एवेंन्यू कोर्ट में चल रहा है. लालू परिवार के आरोपित सदस्य फ़िलहाल इस मामले में जमानत पर चल रहे हैं. तेजस्वी यादव के उप मुख्यमंत्री बन जाने के बाद अब उन पर गवाहों को प्रभावित करने की बात का अंदेशा जाहिर करते हुए सीबीआई ने कोर्ट में अर्जी दी है. अगर तेजस्वी के जवाब से कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ तो फिर से उनकी मुसीबत बढ़ सकती है. यहां तक कि उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है.
आईआरसीटीसी घोटाले का यह मामला उस दौर का है जब लालू यादव रेलमंत्री थे. उनके रेल मंत्री रहने के दौरान आईआरसीटीसी के होटल के टेंडर में खेल हुआ था. मामला उजागर होने के बाद सीबीआई ने इसकी जांच शुरू की. उनके कई ठिकानों पर छापेमारी हुई. हालांकि दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने लालू परिवार को जमानत दे दी थी. इसकी जांच सीबीआई के साथ ही ईडी भी कर रही है.