पटना- बिहार लोक सेवा आयोग ने शिक्षक भर्ती प्रतियोगिता परीक्षा 2023 के जरिए प्राथमिक शिक्षक बनने के रास्ते में खड़े बीएड पास अभ्यर्थियों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से करारा झटका लगने बाद डीएलएड या बीटीसी या बीएसटीसी पास अभ्यर्थियों में खासी खुशी देखी जा रही है. राजस्थान शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए बीएड पास योग्य नहीं माने जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अपने आदेश को बिहार सरकार को मानने को कहा है.अब बीएड पास अभ्यर्थी प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए योग्य नहीं माने जाएंगे. बीपीएससी की ओर से राज्य में प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों शिक्षकों के 1.70 लाख पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा का आयोजन किया गया है. प्राथमिक शिक्षक पदों की संख्या 79943 है. प्राथमिक पदों के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों में ज्यादातर बीएड पास अभ्यर्थी थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इन अभ्यर्थियों के बाहर होने से डीएलएड वालों को शिक्षक बनने का रास्ता सरल हो गया है. इसके साथ हीं अब कटऑफ भी नीचे जाएगा जिससे डीएलएड अभ्यर्थियों के प्राथमिक शिक्षक बनने की राह आसान हो जाएगी.
उच्च माध्यमिक यानी कक्षा 11, 12 के 57616 पद, माध्यमिक यानी कक्षा 09, 10 के लिए 5425 पद, प्राथमिक शिक्षक के 79943 पद और उच्च प्राथमिक शिक्षक के 32916 पदों पर नियुक्ति की जाएगी. बीपीएससी शिक्षक भर्ती प्रतियोगिता परीक्षा 2023 का आयोजन 24, 25 और 26 अगस्त 2023 को राज्यभर के विभिन्न परीक्षा केंद्रों में किया गया था. माध्यमिक और उच्च माध्यमिक के अभ्यर्थियों का दस्तावेज सत्यापन भी 4 सितंबर से शुरू है.बीपीएससी परीक्षा से पहले सुप्रीम कोर्ट का आदेश आ गया था, जिस पर बीपीएससी अध्यक्ष ने पहले ही साफ कर दिया था कि अभ्यर्थियों की योग्यता और परीक्षा आयोजित करना दोनों अलग-अलग बातें हैं.
बीपीएससी परीक्षा से पहले सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद बीपीएससी अध्यक्ष ने कह दिया था कि अभ्यर्थियों की योग्यता और परीक्षा आयोजित करना दोनों अलग-अलग बातें हैं. उन्होंने एससी के आदेश से प्राथमिक शिक्षक पद के आवेदकों पर असर पड़ सकता है.
बता दें सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्राथमिक विद्यालयों के लिए शिक्षक की नियुक्ति में बीएड डिग्री वालों की जरूरत नहीं है। सिर्फ डीएलएड डिग्रीधारी ही प्राथमिक के लिए लिए योग्य हैं. सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त 2023 को दिये गए फैसलें के आलोक में बिहार सरकार को प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक नियुक्ति के बारे में निर्णय लेने को कहा है.हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट में पार्टी नहीं है. इस वजह से कोई आदेश नहीं दे रहे हैं. सर्वोच्च अदालत ने कहा कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में अपनी कार्रवाई करें.सुप्रीम कोर्ट के ताजा आदेश से बिहार के लगभग तीन लाख 90 हजार बीएड डिग्रीधारियों को बड़ी निराशा हाथ लगी है. बीपीएससी की शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में प्राथमिक विद्यालयों के लिए तीन लाख 90 हजार अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी है. इधर, बीपीएससी के सचिव रवि भूषण ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में शिक्षा विभाग से मार्गदर्शन लिया जाएगा, इसके बाद ही आगे कोई निर्णय होगा.
वहीं बैचलर ऑफ एजुकेशन (बीएड) के छात्र प्रधान मंत्री मोदी से प्राथमिक शिक्षक पद के लिए एलिजिबल बनाकर उन्हें न्याय दिलाने का आग्रह कर रहे हैं. अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि उच्च योग्यता होने के बावजूद न्यायालय और सरकार ने उन्हें प्राथमिक शिक्षक भर्ती से हटा दिया.