PATNA: पटना के आईजीआईएमएस की सुरक्षा पर भारी-भरकम राशि खर्च की जा रही है। 2018 में अस्पताल की सुरक्षा कार्य पर जो राशि खर्च हो रही थी वो अगले साल 2019 में ही सात गुणा अधिक बढ़ गई। अस्पताल की सुरक्षा में दो कंपनी काम कर रही है। सिर्फ एक कंपनी को सुरक्षा काम के लिए हर साल आठ करोड़ से अधिक की राशि दी जा रही है। आरटीआई से चौंकाने वाली जानकारी मिली है।
सुरक्षा पर बड़ा खुलासा
बिहार के जाने-माने आरटीआई एक्टिविस्ट शिवप्रकाश राय ने आईजीआईएमएस प्रशासन से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी। अस्पताल प्रशासन की तरफ से जो जानकारी मिली है उसके अनुसार 2018 में जितना खर्च किया जा रहा था वो 2019 में बढ़कर सात गुणा और 2020 में आठ गुणा हो गया। अधीक्षक ने बताया है कि संस्थान में सुरक्षा कार्य के लिए मेसर्स एस. आई. एस. एवं मेसर्स ओरियन को काम दिया गया है. केवल एक सुरक्षा कंपनी को सुरक्षा मद में प्रति साल आठ करोड़ से अधिक की राशि दी जा रही है।
एस.आई. एस कंपनी को हर साल 8 करोड़
पटना आईजीआईएमएस प्रशासन ने बताया है कि दो कंपनी को सुरक्षा का टेंडर मिला है। एक कपंनी को वर्ष 2018 में 10418472 रू दिये गये। 2019 में राशि बढ़कर 70848204 रू हो गई। यानि साल भर में ही सुरक्षा खर्च 7 गुणा बढ़ गई। वहीं 2020 में 86189820 रू, 2021 में 84862734 रू और 2022 जनवरी से 14 जून 2022 तक 30700819 रू। यह राशि सिर्फ एक कंपनी को दी गई है। दूसरी कंपनी पर हुए खर्च का ब्योरा संस्थान ने अब तक उपलब्ध नहीं कराया है। आईजीआईएमएस के चिकित्सा अधीक्षक-2 ने यह सूचना दी है.
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जाने-माने आरटीआई एक्टिविस्ट शिवप्रकाश राय ने बताया कि दो सिक्युरिटी एजेंसी को टेंडर मिला था. जिसमे एक के भुगतान का ब्यौरा प्राप्त कराया गया। जबकि दूसरी कंपनी के बारे में सूचना आना बाकी है। आप समझ सकते हैं कि 2018 के खर्च से 2019 में व्यय 7 गुना बढ़ गया। वहीं 2020 में 8 गुना खर्च बढ़ा।