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बड़ा खुलासा : बिहार के मुखिया मुर्दे को जिंदा कर गटक जा रहे सरकारी योजना का लाभ, आरटीआई से हुआ पर्दाफाश

बड़ा खुलासा : बिहार के मुखिया मुर्दे को जिंदा कर गटक जा रहे सरकारी योजना का लाभ, आरटीआई से हुआ पर्दाफाश

NEWS4NATION DESK : बिहार में मुर्दे भी जिंदा होने लगे हैं। जी हां इसे आपको जादू मत समझिए। यह बिल्कुल यथार्थ है। बिहार के कई जिलों में मृतकों को कागज पर जिंदा करने का खेल शुरू है। एक कहावत है कि ' कुछ लोग मुर्दे पर से भी पैसे उठा लेते हैं'  इस कहावत को चरितार्थ करने में बिहार के मुखिया और विकास मित्र जैसे लोग जुटे हैं। आरटीआई के माध्यम से जो बातें निकल कर सामने आई है वह न सिर्फ चौकाने वाली है बल्कि शर्मसार करें वाला भी है।

भला पैसे के लिये मृत व्यक्ति को जिंदा कर उसके योजना का लाभ कोई कैसे गटक सकता है। लेकिन यहां तो भ्रष्टाचार ने सारी हदें तोड़ दी हैं। 

आरटीआई के कार्यकर्ता शिवप्रकाश राय ने आरटीआई के माध्यम से मुर्दे के नाम पर किया जाने वाला भ्रष्टाचार को प्रकाश में लाया है। आरटीआई के माध्यम से यह बात सामने आई है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2016 17 में मृतक रामबदन मांझी को कागज पर जिंदा दिखाकर लाभ का हिस्सा ले लिया गया।

इतना ही नहीं मृतक तुलसी मांझी मोहम्मद शकूर के नाम पर भी प्रधानमंत्री आवास आवंटित कर मुखिया ने पैसा निकाल लिया। बाद में जब यह बात प्रखंड के पदाधिकारी के संज्ञान में आया तो जांच उपरांत उसे सही पाया गया।

इसी तरह आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक बांका जिले में भी प्रधानमंत्री आवास योजना में मुखिया और विकास मित्र ने मिलकर मृतकों के नाम पर भ्रष्टाचार करने की सारी हदें पार कर दी। बांका जिले के शंभूगंज प्रखंड में मृतक हिलिया मांझी को कागज़ पर जिंदा दिखाकर प्रधानमंत्री आवास आवंटित करा लिया गया। 

मृतक के बैंक खाते पर राशि ट्रांसफर करने की तैयारी भी कर ली गई । जैसे ही यह बात वीडियो के संज्ञान में आई तो उन्होंने मुखिया और विकास मित्र पर प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद राशि भुगतान पर रोक लगा दी।

इस संबंध में आरटीआई कार्यकर्ता शिव प्रकाश राय ने बताया कि हैरानी की बात यह है की जिन लोगों पर प्रधानमंत्री आवास के लाभ दिलाने की जिम्मेदारी है वही गड़बड़ी करने में लगे हैं। बिहार के 3 जिलों में सासाराम किशनगंज और बांका जिलों में यह मामला सामने आया है।

अब देखने वाली बात यह है कि क्या इसमें अफसरों की भी भागीदारी है।

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