पटना. उद्योग और रोजगार के क्षेत्र में चुनौतियों का सामना कर रहे बिहार के भविष्य को संवारने के लिए सीएम नीतीश कुमार नीत एनडीए सरकार बड़ी कवायद में जुटी है. राज्य में उद्योग धंधों को बढ़ावा देने के लिए गुरुवार को दिल्ली में बिहार इंवेस्टर्स मीट का आयोजन शुरू हुआ. इसमें देश भर के उद्योगपतियों का जुटान होगा जो बिहार में निवेश को लेकर बड़ा ऐलान कर सकते हैं. बिहार में औद्योगिक विकास से राज्य के पलायन और बेरोजगारी को दूर करने की कार्ययोजना पर सरकार काम कर रही है और इसी के लिए इंवेस्टर्स मीट का आयोजन किया गया है.
बिहार के उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन आदि ने दीप प्रज्जवलित कर सम्मेलन का उदघाटन किया. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इंवेस्टर्स मीट को संबोधित करेंगी. बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन के अनुसार बिहार को पूर्वी क्षेत्र में नए “निवेशकों के गंतव्य” के रूप में पेश किया जा रहा है. राज्य के उद्योग विभाग द्वारा राज्य में सिंगल-विंडो क्लीयरेंस मैकेनिज्म के जरिए सात दिनों में प्रस्तावों को मंजूरी देने के लिए बिजनेस फ्रेंडली इको-सिस्टम लगाया गया है. बैठक राज्य में उपलब्ध औद्योगिक क्षमता और व्यावसायिक अवसरों का प्रदर्शन करेगी
उन्होंने कहा, देश भर के बड़े निवेशकों ने बैठक में भाग लेने और बिहार में निवेश की गुंजाइश का आकलन करने के लिए अपनी सहमति दी है. उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा की, राज्य सरकार ने पिछले साल अपनी एथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति लाई थी. उद्योग विभाग इस वर्ष कपड़ा, चमड़ा, रसद और निर्यात गतिविधियों के संबंध में अन्य प्रोत्साहन नीतियां लाने का काम कर रहा है, जबकि खाद्य और कपड़ा पार्कों के निर्माण पर भी काम चल रहा है.
निवेशकों को उनके प्रस्तावित औद्योगिक संयंत्रों के लिए आवंटित करने के लिए सरकार के पास 2,800 एकड़ का एक लैंड बैंक है. हाल के समय में राज्य को 30,000 करोड़ रुपये के परियोजना प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए हैं. राज्य ने इथेनॉल के संयंत्रों को विकसित करने के लिए बड़ी पहल की है. हाल ही में बेगूसराय में 500 करोड़ रुपए से ज्यादा के सॉफ्ट ड्रिंक बोटलिंग प्लांट का शुभारम्भ हुआ है.
बिहार के लिए और भी बेहतर निवेश सुनिश्चित करने की पहल के तहत अब इंवेस्टर्स मीट का आयोजन किया गया है. इसका मुख्य मकसद निवेशकों का बिहार के लिए भरोसा जीतना और राज्य में मौजूद कुशल मानव संसाधन और कच्चे माल की प्रचूरता का बेहतर इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा.