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मोतिहारी राइस ब्रांड तेल फैक्ट्री सील केस में बड़ा खेल! अधिकारी व तथाकथित मीडियाकर्मी का गठबंधन, सैंपल जांच रिपोर्ट के बाद खुलेगी पोल

मोतिहारी राइस ब्रांड तेल फैक्ट्री सील केस में बड़ा खेल! अधिकारी व तथाकथित मीडियाकर्मी का गठबंधन, सैंपल जांच रिपोर्ट के बाद खुलेगी पोल

MOTIHARI: मोतिहारी राइस ब्रांड तेल पैकिंग फैक्ट्री पर छापा मामले में अब नया मोड ले लिया है। दूसरे तेल कंपनी के मैनेजर,अधिकारी व तथाकथित मीडिया की मिलीभगत से राइस ब्रांड तेल पैकिंग फैक्ट्री पर छापेमारी करा कर सील किया गया। जिस फैक्ट्री को प्रशासन ने नकली सरसो तेल फैक्ट्री कहकर सील करने का आदेश दिया उस तेल फैक्ट्री के पैकेट व रैपर पर राइस ऑयल लिखा निकला। ऐसे में बड़ा सवाल है कि जब तेल फैक्ट्री कंपनी द्वारा राइस ऑयल का रैपर लगाया गया है तो नकली सरसो तेल का आरोप लगाकर फैक्ट्री को सील कैसे कर दिया गया? यह मामला जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है कि राइस ऑयल फैक्ट्री सील मामले में एक मीडिया कर्मी व पदाधिकारी का खेल है। चर्चा तो यह भी है कि अब इस कार्रवाई के बाद एक मीडियाकर्मी द्वारा व्यवसायी पर पैसे के लिए प्रेशर बनाया जा रहा। 

9 जून को हुई थी छापेमारी 

बता दें, 9 जून को बंजरिया थाना क्षेत्र के सिंधिया में एक बड़े अधिकारी के निर्देश पर मां सरस्वती ट्रेडर्स राइस ऑयल फैक्ट्री को सीओ व थाना अध्यक्ष द्वारा सील कर दिया गया था । सील के बाद खाद्ध सुरक्षा विभाग के अधिकारी द्वारा राइस ऑयल का सैम्पल लेकर कोलकाता जांच के लिए भेजा गया है। वहां पर सरसो तेल पैकिंग का कोई सबूत नहीं मिला। 

सीओ ने कहा- राईस ऑयल की फैक्ट्री है तो सरसो तेल कहां से बनेगा ? 

कानपुर के वैभव सहनाई सरसो तेल कम्पनी के मैनेजर सुनील शर्मा की शिकायत पर बंजरिया स्थित मां सरस्वती ट्रेंड्स पर नकली सरसो तेल पैकिंग कर उसके ब्रांड पर बेचने का आरोप लगाया गया था। वरीय अधिकारी के निर्देश पर बंजरिया सीओ व थाना अध्यक्ष द्वारा छापेमारी किया गया । सीओ ने बताया कि माँ सरस्वती ट्रेडर्स में छापेमारी में शुभ सहनाई राइस ऑयल व ग्वालियर कोल्हू  तेल का तीन रैपर पाया गया । वहीं व्यवसाई द्वारा ट्रेड लाइसेंस,रिफाइनरी से मंगवाए जा रहे कच्चा तेल सहित समान का पक्का बिल दिखाया गया । तेल डब्बा पर राइस ऑयल व मोतिहारी सरस्वती ट्रेंड्स का पता लिखा हुआ पाया गया । वरीय पदाधिकारी के निर्देश पर राइस ऑयल की गुणवत्ता की जांच के लिए फैक्ट्री को सील कर खाद्ध सुरक्षा विभाग के अधिकारी को बुलाकर सैम्पल लिया गया । उक्त सैंपल को जांच में कलकलता भेजा गया है । जांच रिपोर्ट आने के बाद अग्रतर करवाई की जाएगी । सीओ ने बताया कि जब तेल की टिन पर ही राइस ऑयल लिखा गया है तो सरसो व तेल बनाने वाले मशीन की चर्चा करना ही बेकार है ।

फैक्ट्री सील करने के बाद हो रही पैसे की डिमांड!

इधर, मां सरस्वती ट्रेडर्स के प्रोपराइटर सोनू कुमार ने बताया कि माँ सरस्वती ट्रेंडर्स नाम से अपने प्रतिष्ठान का लाइसेंस निर्गत कराया है । जबकि पैकिंग व बाजार में शुभ सहनाई राइस  ऑयल के ट्रेड मार्क से पैकिंग किया जाता है व बिक्री किया जाता है । रिफाइनरी से कच्चा तेल मंगवाने पर प्रति टैंकर सरकार को डेढ़ से दो लाख का टैक्स दिया जाता है । उसके बाद पैकिंग पर जीएसटी भी लगता है । कुछ लोग राजनीति से प्रेरित होकर साजिश के तहत व्यवसाय को बदनाम करने का योजना बनाकर कार्य कर रहे है । वहीं आर्थिक नुकसान के साथ साथ मोटी रकम का डिमांड भी किया जा रहा है । जब मेरे तेल पैकिंग फैक्ट्री में राइस ऑयल पैक होता है तो सरसो व सरसों तेल बनाने वाली मशीन कहां से आएगी ।

मोतिहारी से हिमांशु की रिपोर्ट


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