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प्रवर्त्तन निदेशालय के रडार पर बड़े नेता, भाजपा को बड़ा झटका देने वाले वरिष्ठ कांग्रेस नेता के खिलाफ आरोपपत्र दायर

प्रवर्त्तन निदेशालय के रडार पर बड़े नेता, भाजपा को बड़ा झटका देने वाले वरिष्ठ कांग्रेस नेता के खिलाफ आरोपपत्र दायर

DESK. प्रवर्त्तन निदेशालय ने धनशोधन के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है.  ईडी की ओर से कर्नाटक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार के खिलाफ गुरुवार को की गई. शिवकुमार कांग्रेस के उन नेताओं में गिने जाने हैं जिन्होंने कई बार जब कांग्रेस पर संकट आया तो उसे उबारने में अहम भूमिका निभाई. उन्होंने कई बार अपनी रणनीतियों से भाजपा को बड़ा झटका दिया है. 

अब ईडी ने शिवकुमार शिकंजा कसा है. प्रवर्तन निदेशालय ने कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार और अन्य के खिलाफ चार्जशीट दायर की है. शिवकुमार वर्तमान में I-T विभाग द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर ED द्वारा दर्ज किए गए मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत पर हैं. ईडी की ताजा कार्रवाई पर शिवकुमार ने कहा कि मैं देश के कानून में विश्वास करता हूं. मुझे भी विश्वास है कि मुझे न्याय मिलेगा. यह सब राजनीति से प्रेरित है.

शिवकुमार के खिलाफ हुई इस कार्रवाई को कांग्रेस ने भी राजनीति से प्रेरित कहा है. शिवकुमार इसके पूर्व भी कई बार आयकर और ईडी के निशाने पर रहे हैं. उनके खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर कई मामले दर्ज हैं. कांग्रेस नेता वर्तमान में आईटी विभाग द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर ईडी द्वारा दर्ज एक पीएमएलए मामले में जमानत पर हैं। जांच एजेंसी ने दावा किया है कि शिवकुमार की करीब 8 करोड़ रुपये की संपत्ति का कोई हिसाब नहीं है, जिसके चलते उनके खिलाफ यह चार्जशीट दाखिल की गई है.

3 सितंबर 2019 को डीके शिवकुमार को ईडी ने जांच में सहयोग नहीं करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. कर्नाटक राज्य सरकार के भ्रष्ट अधिकारियों के साथ उसके संबंध स्थापित होने के बाद उसे धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया था। धन शोधन का मामला प्रकाश में आया जब कर अधिकारियों ने अगस्त 2017 में शिवकुमार के आवास पर नई दिल्ली में अन्य स्थानों पर छापा मारा, जिसके कारण आय के स्रोत के सबूत के बिना 8.59 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी जब्त की गई।

डीके शिवकुमार को उसी वर्ष अक्टूबर में जमानत के लिए उच्च न्यायालय जाने के बाद जमानत दी गई थी, जब उनकी जमानत याचिका एक विशेष सीबीआई अदालत ने खारिज कर दी थी। शिवकुमार के साथ उनके व्यापारिक सहयोगी सचिन नारायण और सुनील कुमार शर्मा (शर्मा ट्रैवल्स के मालिक) और नई दिल्ली में कर्नाटक भवन के कर्मचारी अंजनेया हनुमंत और राजेंद्रन को दंडित किया गया, जहां नकदी मिली थी।


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