Ranchi : झारखंड से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां के 40 मजदूर ओमान में पिछले सात महीने से बंधक बने हुए हैं। रोजी-रोटी कमाने ओमान गए मजूदरों को राजधानी मस्कट में बंदी बनाकर रखा गया है। मामले की जानकारी मिलने के बाद सीएम हेमंत सोरेन ने इन मजदूरों की वापसी के लिए विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से मदद मांगी है।
बताया जा रहा है कि हजारीबाग, कोडरमा, गिरिडीह और बोकारो जिले से 40 मजदूर रोज-रोटी के लिए ओमान की राजधानी मस्कट गए थे। ये सभी जिस कंपनी में वे काम करते हैं, उसने सबको एक कमरे में बंद कर रखा है और इन्हें भरपेट भोजन भी नहीं दिया जा रहा है। 24 घंटे में सिर्फ एक बार खाना दिया जा रहा है।
कंपनी ने सात महीने से उन्हें वेतन भी नहीं दिया है। जब भी वे लोग वेतन मांगते हैं, उन्हें धमकी दी जाती है। मजदूरों ने किसी तरह फोन कर परिजनों से संपर्क साधकर इस मामले की जानकारी दी है।
परिजनों ने बताया कि 2017 में हजारीबाग के विष्णुगढ़, गिरिडीह के बगोदर, बेरमो व नावाडीह, बोकारो और कोडरमा के मजदूरों को एक कंपनी में ट्रांसमिशन लाइन में काम करने का लालच देकर ओमान ले जाया गया था। जून-2019 तक काम के बदले थोड़ा-बहुत वेतन मिला। जुलाई से वेतन बंद कर दिया गया। तब से उन्हें न वेतन मिल रहा है और न ही भरपेट भोजन। सभी मस्कट में कंपनी के बंधक बने हुए हैं।
ओमान में प्रवासी ग्रुप के जरिए भारत के विदेश मंत्रालय को त्राहिमाम संदेश भेजा गया है। बताया गया है कि सबका वीजा फेल हो गया है। वे कैदी की तरह हैं। उनकी वतन वापसी की दिशा में ठोस कदम उठाया जाए।
इधर मामले की जानकारी मिलने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट के जरिए ओमान में फंसे झारखंड के मजदूरों की वतन वापसी के लिए विदेश मंत्री डॉ एस. जयशंकर से मदद मांगी है। सीएम ने कहा कि विदेश मंत्रालय झारखंड के मजदूरों की मदद करे, जिससे उनकी वतन वापसी हो और ये मजदूर अपने परिवार के लोगों से मिल सकें। विदेश मंत्रालय झारखंड के मजदूरों की शोषण करने वाली कंपनी के खिलाफ कार्रवाई भी करे।