News4nation desk : कोरोना को लेकर पूरे देश को 14 अप्रैल तक लॉक डाउन कर दिया गया है। इसी बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। इस लॉक डाउन में अन्य आवश्यक सेवाओं की तरह खेती बाड़ी को भी मुक्त कर दिया गया है।
राज्य सरकारों और संबंधित विभागों को खेती किसानी के काम और उससे जुड़े लोगों की आवाजाही को छूट देने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
देश को भुखमरी से बचाने के लिए लिया गया फैसला
बीते एक हफ्ते से किसानों की ओर से खेतों में खड़ी फसलों की चिंता जताई जा रही थी। हालांकि लॉक डाऊन में हर तरह के कारोबार को ठप्प कर दिया गया है मगर खेती की अनदेखी करने पर देश भर में भुखमरी के हालात पैदा हो सकते हैं। लिहाजा सरकार ने खेती और फसलों की खरीद-फरोख्त को इससे छूट देने का ऐलान किया है।
किसानों को खेती करने मंडियों में आने की छूट
वहीं इन दिनों रवी की फसल की आवक मंडियों में होती है। इसकी खरीद-बिक्री के लिए किसानों को खेती में छूट देने का ऐलान किया गया है। स्थानीय प्रशासन और अधिकारियों को इस काम में लगे लोगों की पहचान करके उनका राशन कार्ड बनाने की ताकीद की गई है।
खुले रहेंगे खेतीबाड़ी से जुड़े कारोबार
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने खेती के अलावा किसानों से जुड़े विभागों को भी लॉक आऊट से बाहर रखने का ऐलान किया।
- कृषि उत्पादों की खरीद फरोख्त
- खाद और उर्वरक की दुकान
- सीएसची कस्टम हायरिंग केंद्र
- उर्वरक,कीटनाशकों और बीजों के निर्माण और पैकेजिंग युनिट
- फसल बोने, किसानी और बागवानी में काम आने वाले यंत्रों की खरीद फरोक्त
- किसानों को तैयार फसल को मंडी तक ले जाने और सरकारी एजेंसियों को फसल खरीदने की छूट दी गई है।