NEWS4NATION DESK : नौकरीपेशा लोगों के लिए मोदी सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। जिससे उनकी टेकहोम सैलरी बढ़ सकती है। केंद्र की मोदी सरकार जल्द ही कामकाजी लोगों को प्रॉविडेंट फंड (पीएफ) में योगदान घटाने का विकल्प दे सकती है,
अधिकारियों का कहना है कि इससे कंजम्पशन डिमांड बढ़ाने में मदद मिल सकती है, जिसमें सुस्ती के कारण इकनॉमिक ग्रोथ कम हो गई है।
लेबर मिनिस्ट्री के इस प्रस्ताव के मुताबिक, प्रॉविडेंट फंड में कंपनी का योगदान 12 प्रतिशत के मौजूदा स्तर पर बना रहेगा। ये बातेंसोशल सिक्यॉरिटी बिल 2019 में शामिल हैं, जिसे पिछले हफ्ते कैबिनेट ने मंजूरी दी थी। मंत्रालय ने एंप्लॉयीज प्रॉविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन (EPFO) और एंप्लॉयीज स्टेट इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन (ESIC) की मौजूदा स्वायत्तता को बरकरार रखने का भी फैसला किया है, जबकि पहले उसने इन्हें कॉर्पोरेट जैसी शक्ल देने का प्रस्ताव दिया था।
इस बिल के जरिए देश में 50 करोड़ लोगों को सामाजिक सुरक्षा देने की दिशा में सरकार ने एक और कदम बढ़ाया है। इस विधेयक में कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) के तहत एक सामाजिक सुरक्षा कोष यानी सोशल सिक्यॉरिटी फंड बनाने की बात भी कही गई है। इसमें कहा गया है कि गिग वर्कर्स सहित सभी वर्कर्स को पेंशन, मेडिकल, बीमारी, मातृत्व, मृत्यु और अपंगता से जुड़े वेलफेयर बेनेफिट्स दिए जाएंगे।
वहीं इस बिल में ईपीएफओ औकर कर्मचारी राज्य बीमा निगम की मौजूदा स्वायत्तता को बरकरार रखने का भी फैसला किया गया है। हालांकि, इसके पहले, उसने इनको कॉर्पोरेट जैसी शक्ल देने का प्रस्ताव रखा था। सोशल सिक्योरिटी फंड में कहा गया है कि कर्मचारियों को पेंशन, मेडिकल, मौत, बीमारी, दिव्यांग होने की स्थिति में लाभ प्रदान किया जाएगा। वहीं, बिल के मुताबिक, जिन यूनिट में कम से कम 10 मजदूर काम करते हैं, उन्हें ईएसआईसी के तहत वर्कर्स को कई लाभ देने होंगे और ये खासकर खतरनाक काम करने वाले कर्मियों के लिए अनिवार्य भी होगा।