छपरा: सारण के प्रारंभिक स्कूलों के हेडमास्टरों की मनमानी का एक नमूना सामने आया है। हेड मास्टरों ने छात्रवृत्ति पोशाक एवं परिवहन योजना से संबंधित रुपए तो उठा लिये लेकिन रुपए खर्च किया कि नहीं और खर्च किया तो कहां किया ? इसका आज तक हिसाब नहीं दिया है। पूरे मामले की जानकारी देते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय की योजना एवं लेखा की जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने बताया कि हेड मास्टर को वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 के लिए छात्रवृत्ति, पोशाक परिभ्रमण योजना मद में रुपए दिए गए थे। रुपए छात्र संख्या के आधार पर दिए गए थे। स्कूलों को यह रुपए प्रति योजना 20,000 से लेकर दो लाख रुपये तक दिए गए थे। इतनी ही राशि अन्य सभी योजनाओं के लिए दिए गए थे। ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि विभाग के लगभग दस करोड रुपये का हिसाब हेड मास्टर नहीं दे रहे हैं।
डीपीओ ने बताया कि जिले के रिविलगंज, जलालपुर, नगरा, अमनौर और सोनपुर प्रखंड के हेड मास्टर सबसे अधिक लापरवाह हैं। जिन्होंने अभी तक हिसाब नहीं दिया है। इन्हें करीब 10 बार से अधिक रिमाइंडर पत्र भेजा जा चुका है पर उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया है। अब सभी के खिलाफ कारवाई की तैयारी हो रही है।
डीपीओ ने पत्र जारी करते हुए कहा है कि विभागीय एवं उच्च अधिकारी के आदेश के बावजूद खर्च का हिसाब नहीं देना और उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं करना यह सरकारी कार्य में बाधा के साथ लापरवाही को दर्शाता है। अंतिम रिमाइंडर देते हुए तीन दिनों का समय दिया जाता है। 26 जुलाई तक यदि संभाग में उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं होता है तो सभी डीडीओ और हेड मास्टर के खिलाफ राशि गबन करने के आरोप में वेतन बंद करते हुए एफआईआर दर्ज करा दिया जाएगा।