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बड़ी खबर...अपने MLC की सदस्यता लेने पर तुला RJD नेतृत्व.. विप सभापति को दिया पत्र, अतिपिछड़ा समाज की आवाज बुलंद करने पर 'लालू-तेजस्वी' के निशाने पर आए..

बड़ी खबर...अपने MLC की सदस्यता लेने पर तुला RJD नेतृत्व.. विप सभापति को दिया पत्र, अतिपिछड़ा समाज की आवाज बुलंद करने पर 'लालू-तेजस्वी' के निशाने पर आए..

PATNA:  राजद के एक विधान पार्षद की सदस्यता समाप्ति की तैयारी है. अति पिछड़ा समाज से आने वाले एक विधान पार्षद की सदस्यता समाप्ति को लेकर राजद की तरफ से विप सभापति को पत्र दिया सौंपा गया है. हालांकि परिषद कार्यालय से आरोपी एमएलसी को अभी तक नोटिस जारी नहीं किया गया है. बता दें, राजद विधान पार्षद ने लालू प्रसाद को अतिपिछड़ा विरोधी बताया था. साथ ही जाति गणना पर भी वे लगातर सवाल उठा रहे हैं.  

एमएलसी रामबली चंद्रवंशी की सदस्यता पर संकट

राजद विधान पार्षद प्रो. रामबली चंद्रवंशी की सदस्यता समाप्ति को लेकर बड़ी खबर है. खबर यह है कि राजद ने विप सभापति देवेश चंद्र ठाकुर को पत्र सौंपा है. पत्र में इन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने के आरोप हैं. जानकारी के अनुसार 10 दिन पहले ही रामबली चंद्रवंशी के खिलाफ कंप्लेन दर्ज किया गया है. विधान परिषद सूत्रों ने भी इसकी पुष्टि की है. वहीं राजद विधान पार्षद रामबली चंद्रवंशी ने भी इसकी पुष्टि की है. उन्होंने न्यूज4नेशन से बातचीत में कहा कि नेतृत्व ने मेरे खिलाफ विधान परिषद सभापति को पत्र दिया है. हालांकि हमें कोई नोटिस नहीं मिला है. लिहाजा विस्तृत जानकारी नहीं है. जब हमें नोटिस मिलेगा तो हम जवाब देंगे. लेकिन मौखिक तौर हमें इसकी जानकारी है. उन्होंने कहा कि हम जिस समाज से आते हैं, उसकी आवाज उठा रहे. शायद यही बात नेतृत्व को अच्छा नहीं लग रहा. इसके बाद भी वे अति पिछड़े वर्ग की बात को उठाते रहेंगे. रामबली चंद्रवंशी विधान सभा कोटे से विधान पार्षद बने हैं. इनका कार्यकाल 28 जून 2026 तक है. 

बता दें, चार दिन पहले ही राजद विधान पार्षद प्रो. रामबली चंद्रवंशी ने लालू यादव से लेकर नीतीश कुमार पर हमला बोला था. औरंगाबाद में एक कार्यक्रम में उन्होंने नीतीश कुमार पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि नीतीश कुमार अति पिछड़ा वोट बैंक के जरिए पिछले 18 सालों से बिहार के सियासत और उसके सिरमौर बने हुए हैं। अति पिछड़ों का गला काटने का काम किया है। साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री व राजद प्रमुख लालू प्रसाद को भी अतिपिछड़ा समाज का सबसे बड़ा विरोधी बता दिया था. उन्होंने यह भी कहा था कि जब इस मुद्दे को लेकर वह लालू प्रसाद यादव के पास गए तो उनकी हिम्मत नहीं हुई कि वे नीतीश कुमार से बात करें. 




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