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मुंबई टाइप बारिश होती तो पटना बह गया होता, किसी पर दोषारोपण की बजाए मुंबई से सीख लेने की जरूरत- बीजेपी

मुंबई टाइप बारिश होती तो पटना बह गया होता, किसी पर दोषारोपण की बजाए मुंबई से सीख लेने की जरूरत- बीजेपी

PATNA: राजधानी पटना में तीन दिनों की बारिश ने सुशासन की साख को डूबो दिया है। पटनावासी त्राहिमाम कर रहे हैं।पिछले पांच दिनों से राजधानी के हजारो लोग भूखे-प्यासे जल कैदी बने हुए हैं। पटना के कई मोहल्लों में एक तरह से जल कर्फ्यू लगा है। नीतीश का सुशासन पटना में हीं डूब गया है।अपनी आंखों के सामने सुशासन को डूबते देख देर से हीं सही लेकिन सीएम नीतीश भी पानी में उतर गए हैं।उधर बीजेपी ने मुंबई से सीख लेने की जरूरत बताई है। पार्टी का मानना है कि मुंबई में हर साल लगातार कई दिनों तक मूसलाधार बारिश होती है।फिर भी ये स्थिति उत्पन्न नहीं होती। पटना में हुई मूसलाधार बारिश के बाद अब पाँच दिनों तक पानी निकालने का प्रयास जारी है।

बिहार बीजेपी के प्रवक्ता डॉ. निखिल आनंद ने कहा कि मुम्बई टाईप की बारिश होती तो पता नहीं यह शहर ही बह गया होता। मुम्बई में हर साल बारिश की बाढ़ आती है और जितनी जल्दी पूरा शहर तैयार हो जाता है, वो काबिले-तारीफ है। मुम्बई से भी सीखना होगा।

बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि यह प्राकृतिक नहीं, मानव निर्मित आपदा है। पुराने शहर की कलात्मकता खत्म कर उन्हें दुर्गंध वाले गटर में तब्दील कर दिया। जरुरत है कि शहरों का निर्माण अब 50 साल आगे की प्लानिंग पर आधारित हो। बिहार के भविष्य के लिए यह चुनौती युवा पीढ़ी को स्वीकार करना ही होगा। निखिल आनंद ने कहा कि पटना के लोगों का तबाह, परेशान देखना दुखद हैं। केंद्र सरकार व गृह राज्यमंत्री श्री नित्यानंद राय, एनडीआरएफ, एयरफोर्स को तुरंत मदद के लिए धन्यवाद। बिहार सरकार लगातार प्रयासरत है। उम्मीद है कि हम गलतियों से सीख भविष्य के लिए शहरों को बेहतर व सुरक्षित बनायेंगें। 

बता दें कि जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने नीतीश सरकार का बचाव करते हुए कहा था कि सरकार ने कोई लापरवाही नहीं बरती।त्यागी ने इसके लिए उत्तरप्रदेश और मुंबई का हवाला दिया और कहा कि जलजमाव पर वहां के मुख्यमंत्रियों को भी इस्तीफा कर देना चाहिए।वहीं बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने भी कहा है कि पटना की इस नारकीय स्थिति प्राकृतिक आपदा है ।उन्होंने फरक्का बांध को तोड़ने या फिर गंगा से गाद निकासी की मांग रख दी है।

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